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प्रकाश महाजन ने मनसे के प्रवक्ता पद से दिया इस्तीफा, कहा – 'मुझे पार्टी में नजरअंदाज किया गया'

प्रकाश महाजन ने मनसे के प्रवक्ता पद से दिया इस्तीफा, कहा – 'मुझे पार्टी में नजरअंदाज किया गया'

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता प्रकाश महाजन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें पार्टी में नजरअंदाज किया गया, जबकि उनकी उम्मीदें कम से कम थीं।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल में नया विवाद सामने आया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता दिवंगत प्रमोद महाजन के भाई प्रकाश महाजन ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया है कि उन्हें उनके काम के लिए कभी प्रशंसा नहीं मिली, बल्कि उन गलतियों का दोष उनके ऊपर ठोंस दिया गया, जो उन्होंने कभी नहीं की थीं।

प्रकाश महाजन ने यह फैसला एक वीडियो संदेश के माध्यम से सार्वजनिक किया। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि पार्टी में उनका लगातार नजरअंदाज किया जाना और उनके योगदान की अनदेखी उनके इस्तीफे का मुख्य कारण है।

इस्तीफे के पीछे के कारण

प्रकाश महाजन ने वीडियो में विस्तार से अपने फैसले का कारण बताया। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों से मुझे लग रहा था कि मुझे कहीं न कहीं रुकना चाहिए। पहलगाम की घटना के बाद मुझे रुक जाना चाहिए था। लेकिन मुझे लगा कि परिस्थितियाँ सुधर जाएँगी। निजी तौर पर कहूं तो मेरी उम्मीदें सीमित थीं, लेकिन मुझे बहुत नज़रअंदाज किया गया।

महाजन ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान उन्हें कभी सलाह के लिए नहीं बुलाया गया और उन्हें केवल प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया। उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाया, लेकिन उनके काम की सराहना नहीं हुई। इसके बजाय, उन्हें उन गलतियों का दोष दिया गया जो उन्होंने कभी की ही नहीं थीं।

राज ठाकरे और मनसे में असंतोष

प्रकाश महाजन ने कहा कि उनका इस्तीफा राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे में सम्मान की कमी के कारण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की योजना नहीं है। महाजन ने कहा, मैं मनसे नेता अमित ठाकरे से माफी मांगता हूं। मैंने उनसे वादा किया था कि मैं उनके और उनके बेटे के साथ काम करूंगा। लेकिन दुर्भाग्य से हालात ऐसे हैं कि मैं अपना वादा पूरा नहीं कर सकता।

उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी किसी व्यक्ति को उसका हक़दार नहीं मिलता, और यह किस्मत की बात है। प्रकाश महाजन ने कुछ विशेष घटनाओं का भी जिक्र किया, जिनसे उनका असंतोष बढ़ा। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले पर राज ठाकरे के विचार और पहलगाम आतंकी हमले के बाद की टिप्पणियाँ उनके लिए अनुचित और नकारात्मक थीं। साथ ही, भाजपा नेता नारायण राणे द्वारा दी गई धमकी के समय भी उन्हें पार्टी का समर्थन नहीं मिला।

महाजन ने कहा कि बढ़ती उम्र और पार्टी में सम्मान की कमी ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया। उन्होंने याद दिलाया कि वे हमेशा हिंदुत्व की रक्षा की भावना के साथ पार्टी के लिए काम करते रहे।

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