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पटाखा कारोबारी मोहम्मद कादिर की बढ़ीं मुश्किलें, हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने पर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

पटाखा कारोबारी मोहम्मद कादिर की बढ़ीं मुश्किलें, हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने पर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

प्रयागराज के पटाखा कारोबारी और कथित ठग मोहम्मद कादिर की अग्रिम जमानत याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। अब कादिर ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। उस पर करोड़ों की ठगी और धोखाधड़ी के आरोप हैं।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चर्चित पटाखा कारोबारी मोहम्मद कादिर एक बार फिर सुर्खियों में है। चिट फंड घोटाले में फरार चल रहे कादिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कादिर पर करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है। वहीं आरोपी का दावा है कि वह राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया जा रहा है।

फर्जी चिट फंड कंपनी से करोड़ों की ठगी

शाहगंज थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद कादिर लंबे समय से पटाखा कारोबार से जुड़ा हुआ है। स्थानीय लोग उसे “पटाखा माफिया” के नाम से जानते हैं। पुलिस के मुताबिक, कादिर ने फर्जी चिट फंड कंपनी बनाकर शहर और आसपास के सैकड़ों लोगों से निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये जमा करवाए। उसने लोगों को रकम दोगुनी करने का झांसा दिया और कुछ महीनों तक फर्जी ब्याज भी लौटाया ताकि भरोसा बना रहे।

लेकिन जब निवेशकों ने असली रकम मांगी तो कादिर कारोबार बंद कर फरार हो गया। ठगी का खुलासा होते ही शाहगंज थाने में धोखाधड़ी और आर्थिक अपराध की धाराओं में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने उसके कई ठिकानों पर छापेमारी की, मगर वह हाथ नहीं लगा।

फरार कादिर पर 25 हजार का इनाम

जांच में बार-बार फरार रहने और अदालत में पेश न होने के चलते पुलिस ने अदालत से अनुमति लेकर कादिर के खिलाफ धारा 83 सीआरपीसी के तहत संपत्ति कुर्की की कार्रवाई शुरू की। इसके साथ ही उसे भगोड़ा घोषित कर 25,000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया।

पुलिस का कहना है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जाएगा। एसपी सिटी प्रयागराज ने बताया कि “कादिर के खिलाफ सबूत मजबूत हैं, और उसकी गिरफ्तारी अब सिर्फ समय की बात है।” वहीं, पुलिस ने उसके सहयोगियों की भी पहचान की है जो निवेशकों को फंसाने में शामिल थे।

हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

16 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस जितेंद्र कुमार सिन्हा की एकल पीठ ने कादिर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के अपराध की गंभीरता और समाज पर उसके प्रभाव को देखते हुए उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।

कादिर ने अदालत में तर्क दिया था कि उसे राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया जा रहा है, लेकिन कोर्ट ने उसकी दलील खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि जांच एजेंसी को अपना काम स्वतंत्र रूप से करने दिया जाए।

कादिर ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई अर्जी

हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद कादिर ने अब सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। उसने अदालत से गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। हालांकि, अब तक सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है।

उधर प्रयागराज पुलिस लगातार कादिर की संभावित ठिकानों पर नजर रखे हुए है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, “अगर वह कोर्ट में पेश नहीं होता, तो उसकी संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।” स्थानीय लोग इस पूरे मामले को लेकर नाराज हैं और मांग कर रहे हैं कि पीड़ित निवेशकों के पैसे वापस दिलाए जाएं और आरोपियों को जल्द सजा मिले।

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