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यादगीर में RSS रूट मार्च को मिली अनुमति, प्रशासन ने रखी कड़ी शर्तें

यादगीर में RSS रूट मार्च को मिली अनुमति, प्रशासन ने रखी कड़ी शर्तें

यादगीर जिला प्रशासन ने RSS के शताब्दी रूट मार्च की अनुमति दी। प्रशासन ने मार्ग, सुरक्षा और नियम तय किए हैं। उल्लंघन पर आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। यह क्षेत्र मल्लिकार्जुन खरगे का गढ़ होने के कारण संवेदनशील है।

New Delhi: यादगीर जिला प्रशासन ने गुरमितकल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के रूट मार्च के आयोजन की अनुमति दे दी है। यह मार्च RSS के शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। प्रशासन ने अनुमति के साथ कई शर्तें भी रखी हैं, ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से हो। इस क्षेत्र को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे का गढ़ माना जाता है, और यह क्षेत्र उनकी राजनीतिक पहचान से जुड़ा है।

कौन है मल्लिकार्जुन खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे, जो वर्तमान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, इस क्षेत्र से आठ बार विधायक रह चुके हैं। उनके प्रभाव वाले इलाके में RSS का मार्च राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील माना जा रहा है। इसलिए जिला प्रशासन ने आयोजन को लेकर पूरी सुरक्षा व्यवस्था की जांच के बाद ही अनुमति प्रदान की है।

मार्च के लिए तय किया गया रूट

प्रशासन ने मार्च के मार्ग को पहले से निर्धारित किया है। रूट मार्च सम्राट सर्कल, एपीएमसी सर्कल, हनुमान मंदिर, मराठावाड़ी, पुलिस स्टेशन रोड, मिलन चौक और सिहिनीरू बावी मार्केट मेन रोड से होकर गुजरेगा। मार्च का अंतिम पड़ाव राम नगर में होगा। प्रशासन ने मार्ग तय करते समय लोगों की सुरक्षा और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखा है।

आयोजन के लिए रखी गई शर्तें

जिला प्रशासन ने RSS के आयोजकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मार्च के दौरान सभी नियमों का पालन अनिवार्य है। मुख्य शर्तों में शामिल हैं:

  • संपत्ति की सुरक्षा: आयोजकों को सुनिश्चित करना होगा कि पब्लिक या प्राइवेट संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे। यदि कोई नुकसान होता है, तो उसका खर्च आयोजकों को वहन करना होगा।
  • निष्पक्षता और सद्भाव: RSS के वॉलंटियर्स तय रूट पर ही चलेंगे और किसी भी जाति या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगाए जाएंगे।
  • शांति और व्यवस्था: शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली किसी भी गतिविधि पर पूरी तरह रोक रहेगी।
  • सड़क और दुकानें: जुलूस के दौरान सड़क ब्लॉक नहीं की जाएगी और किसी भी दुकान को जबरदस्ती बंद नहीं कराया जाएगा।
  • हथियार और सुरक्षा: कोई भी जानलेवा हथियार, बंदूक या खतरे वाली वस्तु जुलूस में नहीं लाई जाएगी।
  • पुलिस सुरक्षा: मार्च के पूरे मार्ग में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।

प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इन शर्तों का उल्लंघन होने पर आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रियांक खरगे का विरोध

हाल ही में कर्नाटक के मंत्री और मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर मांग की थी कि सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों तथा सार्वजनिक जगहों पर RSS की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक तनाव बढ़ सकता है।

RSS अपने शताब्दी समारोह के लिए पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। मार्च का उद्देश्य संगठन के सामाजिक और सांस्कृतिक एजेंडे को जनता तक पहुंचाना है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि आयोजन शांतिपूर्ण रूप से हो और किसी भी प्रकार की हिंसा या तोड़फोड़ न हो।

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