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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत खारिज की, JJM मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बढ़ी मुसीबत

राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत खारिज की, JJM मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बढ़ी मुसीबत

राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जोशी को 24 अप्रैल को 900 करोड़ रुपये के जल जीवन मिशन (JJM) मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनकी जमानत याचिका विशेष कोर्ट में भी खारिज हो चुकी थी। अब वे जेल में रहेंगे और उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली।

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस के करीबी नेता महेश जोशी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जोशी को 24 अप्रैल को जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग के इस गंभीर मामले में पहले विशेष कोर्ट ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

हाईकोर्ट ने मंगलवार को जस्टिस प्रवीर भटनागर की अध्यक्षता में सुनाए गए फैसले में कहा कि गंभीर आरोपों को देखते हुए महेश जोशी को जमानत नहीं दी जा सकती। उनका कहना था कि मामले की गंभीरता और संभावित गवाहों पर दबाव डालने की आशंका को देखते हुए जेल में बने रहना आवश्यक है।

महेश जोशी पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप

महेश जोशी पर 900 करोड़ रुपए के जल जीवन मिशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। ईडी ने आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में रिश्वत ली गई और संबंधित वित्तीय लेन-देन की जांच की जा रही है।

ईडी के वकील अक्षय भारद्वाज ने कोर्ट में तर्क दिया कि आरोपी को केवल तभी जमानत दी जा सकती है जब वह प्रथम दृष्टया निर्दोष साबित हो। उन्होंने कहा कि पैसे लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं होती और गवाहों पर दबाव डालने की संभावना को देखते हुए जमानत असंगत होगी।

जोशी के वकील ने कहा- मामला गलत तरीके से बनाया गया

महेश जोशी की ओर से वरिष्ठ वकील विवेकराज बाजवा ने दावा किया कि जोशी को गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया। उन्होंने बताया कि एसीबी की एफआईआर में पहले जोशी का नाम शामिल नहीं था।

बाजवा ने कहा कि जोशी पर 2.01 करोड़ रुपए के लेन-देन का आरोप है, लेकिन इसके ठोस सबूत नहीं हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में उनके बेटे की फर्म में 50 लाख रुपए का लेन-देन दिखाया गया है, जो लोन के रूप में लिया गया था और लौटाया भी गया।

जमानत खारिज होने से जोशी की मुश्किलें बढ़ीं

इस फैसले के बाद महेश जोशी के लिए जेल से बाहर आना फिलहाल मुश्किल है। मनी लॉन्ड्रिंग और टेंडर में रिश्वतखोरी जैसे आरोप उनके खिलाफ गंभीर हैं। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि जमानत की मांग को खारिज करना उनके मामले की गंभीरता और न्यायिक प्रक्रिया की सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है।

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