रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में जबरदस्त मुनाफा दर्ज किया है। कंपनी ने अप्रैल-जून 2025 के दौरान 26,994 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जो रिलायंस के इतिहास में अब तक का सबसे ऊंचा तिमाही मुनाफा है। यह लाभ बीते साल की समान तिमाही की तुलना में 78.3 प्रतिशत ज्यादा है।
एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ 15,138 करोड़ रुपये से बढ़कर 26,994 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। प्रति शेयर आय की बात करें तो यह अब 19.95 रुपये हो गई है।
परिचालन से आय में भी हुआ इजाफा
रिलायंस ने सिर्फ मुनाफा ही नहीं बढ़ाया बल्कि परिचालन से होने वाली कमाई में भी 5.26 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी की परिचालन आय 2.36 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस बार बढ़कर 2.48 लाख करोड़ रुपये हो गई।
तिमाही-दर-तिमाही तुलना करें तो भी कंपनी की ग्रोथ शानदार रही। मार्च 2025 में समाप्त पिछली तिमाही में जहां कंपनी ने 19,407 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था, वहीं इस तिमाही में यह बढ़कर 26,994 करोड़ रुपये हो गया है, यानी लगभग 39 प्रतिशत की बढ़त।
निवेश बिक्री से मिली बड़ी कमाई
रिलायंस ने बताया कि इस तिमाही में उसे 8,924 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय भी हुई है, जो कि सूचीबद्ध निवेशों की बिक्री से मिली है। यानी कंपनी ने जिन कंपनियों में पहले से निवेश कर रखा था, उनमें से कुछ हिस्सेदारी बेचकर मुनाफा कमाया।
जियो और रिटेल कारोबार का शानदार प्रदर्शन
रिलायंस इंडस्ट्रीज के दो प्रमुख उपभोक्ता व्यवसाय जियो और रिटेल इस तिमाही के स्टार परफॉर्मर रहे।
जियो को अपने बढ़ते उपभोक्ता बेस से काफी फायदा मिला। नए ग्राहकों की संख्या में बढ़त के साथ-साथ डेटा खपत और सेवाओं की मांग भी बढ़ी है। वहीं, रिटेल सेक्टर में कंपनी का स्टोर नेटवर्क तेजी से फैला है, जिससे ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ है और ब्रांड की पकड़ मजबूत हुई है।
खुदरा कारोबार में उपभोक्ता वस्तुओं, फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और किराना सेगमेंट ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
O2C कारोबार में मामूली गिरावट
तेल से केमिकल (Oil to Chemical) कारोबार, जिसे O2C कहा जाता है, में इस तिमाही में थोड़ी कमजोरी देखी गई है। एक साल पहले की तुलना में इस सेगमेंट की आय में 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
इसकी वजह कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और कुछ रिफाइनिंग यूनिट्स का अस्थायी बंद होना बताया गया है। हालांकि कंपनी ने यह भी बताया कि जियो-बीपी नेटवर्क के जरिए घरेलू ईंधन डिमांड को सपोर्ट मिला है।
EBITDA में भी शानदार बढ़त
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बताया कि उसका समेकित EBITDA (ब्याज, टैक्स, डिप्रिशिएशन और अमॉर्टाइजेशन से पहले की आय) भी इस तिमाही में अच्छी बढ़त के साथ 44,678 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
यह पिछले वर्ष की समान तिमाही से 16.1 प्रतिशत ज्यादा है। EBITDA में यह बढ़ोतरी रिटेल, डिजिटल और गैस कारोबार के मजबूत प्रदर्शन के कारण हुई है।
रिफाइनिंग और केमिकल मार्जिन में सुधार
कंपनी ने बताया कि ईंधन और डाउनस्ट्रीम उत्पादों के मार्जिन में सुधार हुआ है, जिससे ओ2सी खंड की आय को सहारा मिला।
कंपनी ने घरेलू मांग को ध्यान में रखते हुए अपने उत्पादन को उसी अनुरूप मोड़ा और रिफाइनिंग क्षमता का बेहतर इस्तेमाल किया।
जियो प्लेटफॉर्म्स की बात
जियो प्लेटफॉर्म्स का शुद्ध लाभ 5,466 करोड़ रुपये रहा, जो कि साल-दर-साल 17.7 प्रतिशत की बढ़त है।
डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में जियो की हिस्सेदारी लगातार बढ़ती जा रही है। डेटा ट्रैफिक और ARPU (प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व) में इजाफा इस ग्रोथ की वजह बना है।
रिटेल कारोबार का ग्राफ चढ़ा
रिटेल सेगमेंट में कंपनी की आय 84,592 करोड़ रुपये रही, जो कि साल-दर-साल आधार पर 10.8 प्रतिशत ज्यादा है।
फैशन, किराना और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग में इजाफा हुआ है। रिटेल स्टोर की संख्या अब 18,800 से ज्यादा हो चुकी है, जो देशभर में फैले हुए हैं।