भारतीय ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य, कला, विलासिता और वैवाहिक जीवन का कारक माना गया है। इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में प्रेम-संबंधों से लेकर आर्थिक स्थिति और सामाजिक प्रतिष्ठा तक को प्रभावित करता है। आज, 29 जून 2025 को दोपहर 1:56 बजे शुक्र ग्रह ने मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश किया है। यह परिवर्तन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वृषभ और तुला दोनों राशियों पर शुक्र का स्वामित्व है, लेकिन वृषभ में शुक्र का गोचर विशेष रूप से स्थायी, स्थूल और भौतिक सुखों से जुड़ा होता है। हालांकि यह गोचर कई राशियों के लिए शुभफल लेकर आता है, लेकिन कुछ राशियों के लिए यह प्रेम जीवन में चुनौतियों का संकेत भी देता है।
शुक्र का गोचर: क्यों होता है इतना विशेष?
धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में शुक्राचार्य को दानवों के गुरु और दिव्य ज्ञान के भंडार के रूप में जाना गया है। उन्होंने ही मृत संजीवनी विद्या, रत्न विज्ञान और प्रेम से जुड़े कई गूढ़ रहस्य लोक में प्रकट किए। शुक्र ग्रह का संबंध सीधे-सीधे काम, कला और काव्य से है। अतः जब शुक्र अपनी ही राशि वृषभ में प्रवेश करता है, तो वह अत्यधिक प्रभावशाली हो जाते हैं।
इस गोचर की अवधि लगभग 23 दिनों की होती है। इस दौरान व्यक्ति की इंद्रिय इच्छाएं, सौंदर्य के प्रति झुकाव, रिलेशनशिप की गहराई और विलासिता की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। लेकिन वहीं, जिनकी कुंडली में शुक्र अशुभ भाव में स्थित है या जिनका संबंध शनि, राहु अथवा मंगल जैसे ग्रहों से है, उनके जीवन में यह परिवर्तन तनाव, भ्रम और रिश्तों की दूरी का कारण भी बन सकता है।
कन्या राशि – कार्यभार प्रेम से भारी पड़ेगा
शुक्र का गोचर कन्या राशि के लिए मानसिक उलझन और प्रेम जीवन में ठंडक लाने वाला है। इस राशि के जातकों का मन कार्यक्षेत्र में अत्यधिक व्यस्त रहेगा। इससे आप अपने रिश्ते को समय नहीं दे पाएंगे।
धार्मिक दृष्टिकोण से यह समय संयम और विवेक से काम लेने का है। शुक्रवार को लक्ष्मी माता का व्रत रखें और सफेद वस्त्रों का दान करें। प्रेम में यदि कोई भ्रम है, तो उसका समाधान संवाद से करें।
धनु राशि – अतीत की बातें बना सकती हैं विवाद
इस राशि के जातक अतीत की बातों को वर्तमान में घसीटकर रिश्तों में कड़वाहट ला सकते हैं। आप अपने पार्टनर को जज कर सकते हैं, जिससे आपसी समझदारी में दरार आने की संभावना है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, धनु राशि के जातकों को बृहस्पति मंत्र का जाप और गुरुवार को पीले फल और वस्त्रों का दान करना चाहिए। अपने विचारों में शुद्धता लाएं और पार्टनर की भावना को समझने का प्रयास करें।
मीन राशि – तीसरे की एंट्री से बिगड़ सकते हैं समीकरण
मीन राशि के जातकों के प्रेम जीवन में किसी तीसरे व्यक्ति की वजह से गलतफहमी पैदा हो सकती है। यह व्यक्ति परिवार, मित्र या सहकर्मी हो सकता है, जो बिना मतलब की बातें कहकर रिश्ते को प्रभावित कर सकता है।
धार्मिक उपाय के तौर पर मीन राशि के जातकों को सोमवार के दिन शिवलिंग पर शहद अर्पित करना, ॐ नमः शिवाय का जाप करना और अपने रिश्ते में पारदर्शिता बनाए रखना चाहिए।
क्या करें, क्या न करें: धर्म आधारित सुझाव
1. सत्य बोलें और संदेह से बचें
किसी भी रिश्ते में संवाद की भूमिका सबसे बड़ी होती है। अगर रिश्ते में कोई गलतफहमी है तो उसे प्रेमपूर्वक हल करें।
2. वाणी पर रखें नियंत्रण
इस गोचर काल में कठोर वाणी से बचना चाहिए। श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं – 'मधुरं वचनं सत्यं, प्रियं च न ब्रूयात् असत्यं।'
3. शुक्रवार को व्रत और पूजा करें
लक्ष्मी माता की आराधना और शुक्रवार का उपवास इस समय विशेष फलदायी होगा। सफेद फूल, दूध, चावल का दान करने से संबंधों में मधुरता आती है।
4. प्रेम में अहंकार न लाएं
धार्मिक दृष्टिकोण से प्रेम में ईगो सबसे बड़ा विघ्न है। संत कबीर भी कहते हैं – 'जहाँ अहंकार, वहाँ प्रेम नहीं।' इस दौरान झुकना सीखें और माफ करना भी।
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जिसका असर प्रेम जीवन पर गहरा पड़ सकता है। खासतौर पर कन्या, धनु और मीन राशि वालों को इस समय सचेत रहना चाहिए। संवाद, विश्वास और धार्मिक उपायों के सहारे इन चुनौतियों को सरलता से पार किया जा सकता है।