SSC ने सोशल मीडिया पर परीक्षा के प्रश्नपत्र साझा करने और विश्लेषण करने पर सख्त चेतावनी दी है। उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार और संस्थान भारी जुर्माना और जेल की सजा भुगत सकते हैं।
SSC Notice: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाया है। आयोग ने हाल ही में नोटिस जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जो भी व्यक्ति या संस्थान वर्तमान में चल रही परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को सोशल मीडिया पर साझा, चर्चा या विश्लेषण करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम आयोग ने इसलिए उठाया है क्योंकि हाल के समय में कई उम्मीदवार और कोचिंग संस्थान परीक्षा के प्रश्नपत्रों की सामग्री सोशल मीडिया पर साझा कर रहे थे। इससे परीक्षा की गोपनीयता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठने लगे थे। कई ईमानदार उम्मीदवारों ने शिकायत भी दर्ज कराई थी कि इस तरह के मामले परीक्षा के निष्पक्ष माहौल को प्रभावित कर रहे हैं।
SSC ने नोटिस में क्या कहा
SSC ने अपने नोटिस में साफ किया है कि आयोग के संज्ञान में यह बात आई है कि कई लोग और संस्थान सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्रों की जानकारी साझा कर रहे हैं और उनका विश्लेषण कर रहे हैं। आयोग ने कहा कि पब्लिक एग्जामिनेशन (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (PEA Act 2024) के तहत यह गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
नोटिस में चेतावनी दी गई है कि इस नियम का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। आयोग ने कहा कि यह कदम परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
उल्लंघन पर क्या होगी सजा
- नए कानून के तहत नियम तोड़ने वालों को कड़ा दंड भुगतना पड़ेगा।
- किसी भी व्यक्ति को दोषी पाए जाने पर 3 से 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
- संस्थानों पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, ब्लैकलिस्ट और भविष्य की परीक्षाओं से बाहर करने जैसी कार्रवाई की जाएगी।
- संगठित अपराध की स्थिति में 5 से 10 साल की जेल और कम से कम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना तय किया गया है।
इस तरह के कड़े दंड का मकसद साफ है कि कोई भी उम्मीदवार या कोचिंग संस्थान परीक्षा के नियमों का उल्लंघन करने की हिमाकत न करे।
क्यों उठाया गया यह कदम
SSC ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि कई परीक्षार्थी और कोचिंग संस्थान परीक्षा के प्रश्नपत्रों और उनके विश्लेषण को सोशल मीडिया पर साझा कर रहे थे। इससे न केवल परीक्षा की निष्पक्षता पर असर पड़ रहा था बल्कि अन्य ईमानदार छात्रों का नुकसान भी हो रहा था। आयोग ने कहा कि परीक्षा खत्म होने के बाद भी प्रश्नपत्र या उसके सवाल सोशल मीडिया पर साझा नहीं किए जाएँ। कोचिंग क्लास या यूट्यूब चैनलों पर पेपर एनालिसिस का हिस्सा बनने से भी बचना चाहिए।