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सस्ता हुआ लोन: PNB और BOI ने घटाई ब्याज दरें, MCLR से जुड़े ग्राहकों को मिलेगा फायदा

सस्ता हुआ लोन: PNB और BOI ने घटाई ब्याज दरें, MCLR से जुड़े ग्राहकों को मिलेगा फायदा

पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने 1 सितंबर से अपने MCLR आधारित लोन की ब्याज दरों में 5 से 15 बेसिस पॉइंट्स तक कटौती की है। इससे होम, पर्सनल और ऑटो लोन के ग्राहकों की EMI में कमी आएगी। ओवरनाइट MCLR को छोड़कर सभी अवधि के लोन पर नई दरें लागू होंगी।

नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने 1 सितंबर से अपने एमसीएलआर (Marginal Cost of Funds based Lending Rate) आधारित लोन की ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। पीएनबी ने एमसीएलआर में 15 बेसिस पॉइंट्स तक की कटौती की है, जबकि बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट अवधि को छोड़कर अन्य सभी अवधि के लोन पर 5 से 15 बेसिस पॉइंट्स तक की कमी की है। इस फैसले से फ्लोटिंग रेट होम, पर्सनल और ऑटो लोन लेने वाले ग्राहकों को ईएमआई में राहत मिलेगी और उन्हें ब्याज के रूप में कम भुगतान करना होगा।

PNB और BOI ने कितनी कटौती की

PNB ने अपनी MCLR में 15 बेसिस पॉइंट तक की कटौती की है। बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट अवधि को छोड़कर बाकी सभी अवधि के लोन के लिए ब्याज दरों में 5 से 15 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। इस बदलाव के बाद लोन की ईएमआई में कमी आएगी और ग्राहक अब पहले की तुलना में कम ब्याज के साथ अपने लोन का भुगतान कर सकेंगे।

सुपरवाइजरी रिपोर्टों के अनुसार, सरकारी बैंकों द्वारा MCLR में कटौती ग्राहकों के लिए सीधे तौर पर राहत देती है, क्योंकि फ्लोटिंग रेट लोन की ब्याज दरें सीधे इस बेंचमार्क से जुड़ी होती हैं।

MCLR क्या है?

MCLR यानी सीमांत निधि लागत-आधारित उधार दर, बैंकों के लिए एक बेंचमार्क रेट का काम करता है। यह अलग-अलग फ्लोटिंग रेट लोन जैसे होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन पर ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए उपयोग होता है। यह दरें समय-समय पर बैंक की निधि लागत, रिजर्व बैंक की नीतियों और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि नए फ्लोटिंग रेट लोन अक्सर बाहरी बेंचमार्क उधार दर (EBLR) से जुड़े होते हैं। हालांकि, पुराने MCLR से जुड़े लोन वाले ग्राहक बैंक द्वारा ईबीएलआर में स्विच करने का विकल्प भी चुन सकते हैं।

पंजाब नेशनल बैंक की नई MCLR दरें

PNB ने ओवरनाइट MCLR को 8.15% से घटाकर 8% कर दिया है। एक महीने की MCLR 8.30% से घटकर 8.25% हो गई है। तीन महीने की MCLR 8.50% से 8.45% पर आ गई है। छह महीने की MCLR 8.70% से घटकर 8.65% हो गई है। एक साल की MCLR 8.85% से 8.8% और तीन साल की MCLR 9.15% से घटकर 9.10% हो गई है।

इस बदलाव के बाद पीएनबी के एमसीएलआर से जुड़े ग्राहकों को लोन की ईएमआई में सीधी राहत मिलेगी। खासकर लंबे अवधि के लोन वाले ग्राहकों को इसका फायदा महसूस होगा।

बैंक ऑफ इंडिया की नई MCLR दरें

बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट MCLR को 7.95% पर अपरिवर्तित रखा है। वहीं, एक महीने की MCLR को 8.40% से घटाकर 8.30%, तीन महीने की MCLR 8.55% से 8.45%, छह महीने की MCLR 8.80% से 8.70%, एक साल की MCLR 8.90% से 8.85% और तीन साल की MCLR 9.15% से घटाकर 9.00% कर दिया है।

इस नई दरों के लागू होने से बैंक ऑफ इंडिया के पुराने लोन धारकों को भी ब्याज में राहत मिलेगी।

बैंकों की राहत, ग्राहकों की खुशी

MCLR में कटौती का सबसे बड़ा फायदा उन ग्राहकों को होगा जो फ्लोटिंग रेट लोन पर EMI चुकाते हैं। अब उनकी मासिक किश्तों का बोझ कम होगा और वे तुलनात्मक रूप से कम ब्याज का भुगतान करेंगे। इसके अलावा, यह कदम बैंकों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इससे ग्राहकों की संतुष्टि और लॉयल्टी बढ़ती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में जब रेपो रेट स्थिर है, सरकारी बैंकों का अपने एमसीएलआर में कटौती करना ग्राहकों को राहत देने और बाजार में विश्वास बनाए रखने का संकेत है।

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