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Suggs Lloyd IPO में 3.23 गुना सब्सक्रिप्शन, जानिए फिर भी डिस्काउंट लिस्टिंग क्यों?

Suggs Lloyd IPO में 3.23 गुना सब्सक्रिप्शन, जानिए फिर भी डिस्काउंट लिस्टिंग क्यों?

Suggs Lloyd के शेयर आज BSE SME पर ₹119.90 पर लिस्ट हुए, यानी 2.52% डिस्काउंट पर। हालांकि जल्द ही यह उछलकर ₹125.85 के अपर सर्किट पर पहुंच गए। ₹123 पर जारी हुए इस IPO को निवेशकों से 3.23 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। जुटाए गए ₹85.66 करोड़ मुख्य रूप से वर्किंग कैपिटल और कॉरपोरेट जरूरतों में खर्च होंगे।

Sugs Lloyd IPO Listing: इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी Suggs Lloyd के शेयरों की लिस्टिंग शुक्रवार, 5 सितंबर 2025 को BSE SME पर हुई। IPO के तहत ₹123 के भाव पर शेयर जारी हुए थे, लेकिन लिस्टिंग ₹119.90 पर डिस्काउंट में हुई। बाद में शेयर ने रिकवरी की और ₹125.85 के अपर सर्किट तक पहुंच गया। ₹85.66 करोड़ के IPO को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था, जो 3.23 गुना सब्सक्राइब हुआ। जुटाए गए फंड का बड़ा हिस्सा वर्किंग कैपिटल की जरूरतों पर और बाकी कॉरपोरेट उद्देश्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।

कैसे रही लिस्टिंग

Suggs Lloyd का IPO 123 रुपये प्रति शेयर के भाव पर जारी हुआ था। शुक्रवार को शेयर बाजार में इसकी एंट्री 119.90 रुपये पर हुई। यानी निवेशकों को लिस्टिंग के समय लगभग 2.5 प्रतिशत का नुकसान हुआ। लेकिन जल्दी ही शेयर में खरीदारी बढ़ी और यह चढ़कर 125.85 रुपये तक पहुंच गया। यहां यह अपने अपर सर्किट पर अटक गया। इस तरह शुरुआती गिरावट के बाद अब निवेशक करीब 2.3 प्रतिशत मुनाफे में हैं।

IPO को मिला अच्छा रिस्पांस

कंपनी का 85.66 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 अगस्त से 2 सितंबर तक निवेशकों के लिए खुला था। इस दौरान इसे निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली और ओवरऑल 3.23 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। अलग-अलग श्रेणियों में भी स्थिति अच्छी रही।

  • क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा 2.03 गुना सब्सक्राइब हुआ।
  • नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 5.30 गुना सब्सक्राइब हुआ।
  • खुदरा निवेशकों का हिस्सा 2.12 गुना सब्सक्राइब हुआ।

यह साफ दिखाता है कि बाजार में कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ को लेकर भरोसा है।

IPO से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल

इस IPO में पूरी तरह नए शेयर जारी किए गए। कुल 69.64 लाख इक्विटी शेयर 10 रुपये फेस वैल्यू के साथ जारी हुए। कंपनी ने इस इश्यू से 85.66 करोड़ रुपये जुटाए। इसमें से लगभग 80.65 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल यानी रोजमर्रा के कारोबारी खर्च और प्रोजेक्ट्स को फंड करने में लगाए जाएंगे। बाकी रकम सामान्य कॉरपोरेट जरूरतों पर खर्च होगी।

कंपनी का कारोबार

Suggs Lloyd की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी। यह कंपनी इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स पर काम करती है। इसके मुख्य क्षेत्र सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन और सिविल ईपीसी यानी इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन हैं। कंपनी पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करती है। साथ ही पावर सबस्टेशन बनाती है और पुराने सिस्टम को अपग्रेड करती है। हाल के वर्षों में कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी काम शुरू किया है और सोलर व पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कर रही है।

पिछले कुछ वर्षों में कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 2.29 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024 में यह बढ़कर 10.48 करोड़ रुपये हो गया और वित्त वर्ष 2025 में 16.78 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की कुल आय सालाना 120 प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ते हुए 177.87 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

लिस्टिंग कमजोर, लेकिन बाद में दिखी तेजी

हालांकि कंपनी की आय और मुनाफे में जबरदस्त उछाल आया है, लेकिन इसी दौरान उस पर कर्ज भी काफी तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023 के अंत में कंपनी पर कुल कर्ज 8.36 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024 के अंत तक यह बढ़कर 18.57 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2025 के अंत तक कंपनी पर कर्ज 74.83 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह बढ़ोतरी चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन कंपनी का कहना है कि यह कर्ज विस्तार योजनाओं और बड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश के लिए लिया गया है।

शेयर बाजार में लिस्टिंग भले ही कमजोर रही हो लेकिन बाद में आई तेजी से निवेशकों का भरोसा कायम हुआ। कंपनी का फोकस ग्रीन एनर्जी और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर पर है। यही सेक्टर आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ने वाले हैं। यही कारण है कि निवेशक इस स्टॉक पर नजर बनाए हुए हैं।

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