सुझलॉन एनर्जी लिमिटेड ने एक अहम रणनीतिक फैसला लेते हुए अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी सुझलॉन ग्लोबल सर्विसेज लिमिटेड का विलय मूल कंपनी में करने का निर्णय लिया है।
पवन ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुझलॉन एनर्जी लिमिटेड को उसके पुनर्गठन प्रस्ताव के तहत एक अहम सफलता हाथ लगी है। कंपनी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से "नो एडवर्स ऑब्जर्वेशन" यानी कोई आपत्ति नहीं का पत्र मिल गया है। यह सहमति मई 2023 में पेश की गई स्कीम ऑफ अरेंजमेंट का हिस्सा है, जिसमें कंपनी अपने ग्रुप स्ट्रक्चर को फिर से सुदृढ़ करने की कोशिश कर रही है।
ग्लोबल सर्विसेज का होगा विलय
इस प्रस्तावित योजना के तहत सुझलॉन एनर्जी अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सुझलॉन ग्लोबल सर्विसेज लिमिटेड का विलय अपनी मूल इकाई में करने जा रही है। यह कदम कंपनी के कॉर्पोरेट ढांचे को सरल और संचालन को अधिक कुशल बनाने की रणनीति का हिस्सा है। इस विलय से कंपनी की प्रशासनिक और परिचालन लागतों में कमी आने की उम्मीद की जा रही है।
अब NCLT की मंजूरी का इंतजार
स्टॉक एक्सचेंजों से मंजूरी मिलने के बाद अब अगला चरण नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की स्वीकृति है। कंपनी ने पहले ही अपने शेयरधारकों और कर्जदाताओं से इस स्कीम को लेकर अगस्त 2024 में मंजूरी हासिल कर ली थी। अब जब एक्सचेंजों ने भी ‘नो ऑब्जेक्शन’ लेटर जारी कर दिया है, तो जल्द ही यह प्रस्ताव एनसीएलटी के समक्ष पेश किया जाएगा।
क्यों जरूरी है यह मर्जर
सुझलॉन ग्लोबल सर्विसेज लिमिटेड कंपनी की वह इकाई है, जो मुख्य रूप से पवन टरबाइन की मरम्मत, रखरखाव और तकनीकी सेवाओं का काम देखती है। इसके विलय से मुख्य कंपनी सुझलॉन एनर्जी की परिचालन दक्षता बढ़ेगी, साथ ही कॉर्पोरेट संरचना भी अधिक एकीकृत हो जाएगी। इस कदम से वित्तीय लेखा-जोखा और नियामक अनुपालन में भी पारदर्शिता आने की संभावना है।
पवन ऊर्जा क्षेत्र में सुझलॉन की मजबूत पकड़
सुझलॉन एनर्जी भारत की अग्रणी विंड टरबाइन विनिर्माता कंपनियों में से एक है। कंपनी देश के कई हिस्सों में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना और संचालन करती है। इसके अलावा, कंपनी का ऑपरेशंस एंड मेंटेनेंस सर्विसेस सेगमेंट भी मजबूत है, जो ग्राहकों को लॉन्ग टर्म सेवाएं देता है।
शेयर बाजार में दिखा हल्का उत्साह
शुक्रवार के कारोबारी सत्र में सुझलॉन एनर्जी के शेयरों में 0.6 प्रतिशत की तेजी देखी गई और शेयर ₹65.65 के स्तर पर बंद हुआ। हालांकि यह तेजी मामूली थी, लेकिन मर्जर को मिली हरी झंडी के बाद सोमवार को स्टॉक में अधिक हलचल देखी जा सकती है। निवेशकों की निगाहें अब इस बात पर टिकी होंगी कि एनसीएलटी इस मर्जर को कब मंजूरी देता है।
पिछले एक साल में शेयर ने दिया दमदार रिटर्न
सुझलॉन एनर्जी का स्टॉक पिछले एक साल में निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है। कंपनी का शेयर 2023 में 20 रुपये के करीब था और अब यह 65 रुपये के पार ट्रेड कर रहा है। इस दौरान शेयर ने कई बार मल्टीबैगर प्रदर्शन किया है, खासकर तब जब कंपनी ने अपने पुराने कर्जों को चुकाने और बिजनेस रीऑर्गेनाइजेशन पर जोर देना शुरू किया।
आगे क्या हो सकता है असर
मार्केट विश्लेषकों की मानें तो अगर NCLT से जल्द मंजूरी मिल जाती है, तो मर्जर प्रक्रिया 2025 की तीसरी तिमाही तक पूरी हो सकती है। इसके बाद कंपनी की बैलेंस शीट और स्ट्रक्चर में बदलाव नजर आएंगे, जिससे निवेशकों का भरोसा और बढ़ सकता है।
इस मर्जर से जहां सुझलॉन एनर्जी को परिचालन में मजबूती मिलेगी, वहीं बाजार में इसकी साख भी और मजबूत हो सकती है। शेयर की चाल पर अब सबकी नजरें सोमवार के सत्र पर रहेंगी।