पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। तिमाही नतीजों में सबसे बड़ा झटका मुनाफे के मोर्चे पर लगा है। बैंक का शुद्ध लाभ साल-दर-साल आधार पर करीब 49 फीसदी घटकर 1,675 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि बीते साल की समान तिमाही में बैंक ने 3,251 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था। पिछले तिमाही (Q4 FY25) में PNB का लाभ 4,567 करोड़ रुपये था, यानी तिमाही-दर-तिमाही आधार पर भी इसमें बड़ी गिरावट देखी गई है।
बैंक ने मुनाफे में इस गिरावट के पीछे टैक्स खर्च में भारी उछाल को मुख्य वजह बताया है। पहली तिमाही में टैक्स खर्च 2,017 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,083 करोड़ रुपये हो गया, जिससे शुद्ध लाभ पर सीधा असर पड़ा।
बैंक की आय में बढ़ोतरी, ऑपरेटिंग प्रॉफिट मजबूत
हालांकि बैंक की कुल आय में अच्छा इजाफा देखने को मिला। साल-दर-साल आधार पर कुल आय 15.7 फीसदी बढ़कर 37,231 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इसके साथ ही बैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 6,863 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,081 करोड़ रुपये हो गया है।
इससे यह साफ है कि बैंक की संचालन क्षमता में सुधार हुआ है, लेकिन टैक्स का बढ़ा बोझ और अन्य कारक मुनाफे की राह में रुकावट बन गए।
ब्याज आय में मामूली बढ़त
PNB की नेट इंटरेस्ट इनकम यानी ब्याज से होने वाली शुद्ध आय में इस तिमाही में केवल 1 फीसदी की मामूली बढ़त देखने को मिली। यह 10,468 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,578 करोड़ रुपये रही।
नेट इंटरेस्ट मार्जिन यानी NIM को लेकर अभी तक बैंक ने कोई खास बदलाव नहीं बताया है, लेकिन आंकड़े इशारा करते हैं कि लोन और डिपॉजिट की दरों के बीच संतुलन बनाए रखने में बैंक को कड़ी मेहनत करनी पड़ी है।
ग्रॉस और नेट NPA में बड़ा सुधार
PNB की एसेट क्वालिटी में इस तिमाही में खासा सुधार देखने को मिला है। बैंक के ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स यानी खराब ऋण घटकर 42,673 करोड़ रुपये रह गए हैं। पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 61,033 करोड़ रुपये था।
ग्रॉस एनपीए अनुपात भी पहले के 4.98 फीसदी से गिरकर अब 3.78 फीसदी रह गया है। वहीं नेट एनपीए 4,132 करोड़ रुपये तक सिमट गया है, जो पिछले साल 10,167 करोड़ रुपये था। इसके चलते नेट एनपीए अनुपात 0.60 फीसदी से घटकर 0.38 फीसदी रह गया है।
बैंकिंग सेक्टर में मुनाफे की मार, लेकिन गुणवत्ता में सुधार
PNB के नतीजे इस बात को दर्शाते हैं कि भले ही लाभ में गिरावट आई हो, लेकिन बैंक की बुनियादी सेहत में सुधार हुआ है। ग्रॉस और नेट एनपीए में आई कमी और ऑपरेटिंग लेवल पर मजबूती इस बात का संकेत है कि बैंक ने अपने क्रेडिट प्रोफाइल को दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए हैं।
फीस इनकम और अन्य आय की स्थिति
बैंक की अन्य आय की बात करें तो इसमें भी स्थिरता बनी रही। फीस इनकम, ट्रेडिंग और अन्य गैर-ब्याज स्रोतों से हुई आय की जानकारी अभी स्पष्ट नहीं की गई है, लेकिन कुल आय में सुधार इसका संकेत देती है कि बैंक के विविध आय स्रोतों में भी स्थिरता बनी हुई है।
लोन ग्रोथ और डिपॉजिट में तेजी का अनुमान
हालांकि बैंक ने लोन बुक विस्तार को लेकर अलग से कोई आंकड़ा नहीं दिया है, लेकिन इंडस्ट्री ट्रेंड को देखते हुए यह माना जा सकता है कि पीएनबी ने भी रिटेल और MSME लोन सेगमेंट में ग्रोथ हासिल की है।
डिपॉजिट्स के मोर्चे पर भी बैंक की पकड़ मजबूत रही है, जिससे लोन डिपॉजिट रेशियो में संतुलन बना हुआ है।
मार्केट में शेयर पर असर
PNB के नतीजों के बाद बाजार की प्रतिक्रिया पर नजर डालें तो शुरुआती कारोबार में इसके शेयरों पर हल्का दबाव रहा। निवेशकों ने मुनाफे में गिरावट को लेकर सतर्कता दिखाई, लेकिन एसेट क्वालिटी में आए सुधार ने नुकसान को कुछ हद तक संतुलित किया।