ITR Filing 2025: आयकर विभाग ने जानकारी दी है कि TAXASSIST एक सपोर्ट सर्विस के रूप में काम करेगी, जो टैक्स से जुड़े सवालों के जवाब देने और नोटिसों के समाधान में करदाताओं की मदद करेगी।
वित्त वर्ष 2024–25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख अब 15 सितंबर 2025 तय की गई है। पहले यह समयसीमा 31 जुलाई थी, लेकिन टैक्सपेयर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे बढ़ा दिया गया है। इसी के साथ टैक्स प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए आयकर विभाग ने TAXASSIST नाम की एक नई सेवा भी शुरू की है।
TAXASSIST: क्या है ये सुविधा
TAXASSIST आयकर विभाग की एक नई डिजिटल सुविधा है, जिसे खासकर उन टैक्सपेयर्स के लिए तैयार किया गया है जिन्हें नोटिस, टैक्स क्लेम, या रिटर्न फाइलिंग से जुड़ी जटिलताओं को समझने में दिक्कत होती है। विभाग के मुताबिक, यह एक सपोर्ट सर्विस है जो करदाताओं को समय रहते जानकारी देने, नोटिस का जवाब समझाने और टैक्स प्रोसेस को आसान बनाने का काम करेगी।
कहां मिलेगी TAXASSIST की मदद
- रिटर्न फाइलिंग के समय मिलने वाली त्रुटियों के समाधान में
- आयकर विभाग की ओर से मिले नोटिस को समझने में
- टैक्स छूट के गलत या वैध दावों के स्पष्ट स्पष्टीकरण में
- सेक्शन 80GGC जैसे विशेष टैक्स क्लेम से जुड़े मामलों में
- ITR-U फाइल करने या संशोधित रिटर्न भरने के मामलों में
SMS और ईमेल के जरिए भेजी जाएगी जानकार
आयकर विभाग TAXASSIST के तहत योग्य टैक्सपेयर्स को उनके मोबाइल नंबर और ईमेल के जरिए नोटिस या जानकारी भेज रहा है। इन सूचनाओं में स्पष्ट तौर पर बताया जाएगा कि क्या गलती हुई है, कौन से दस्तावेज की जरूरत है और किस तरह आगे की प्रक्रिया अपनानी है।
TAXASSIST के तीन प्रमुख उदाहरण
गलती से क्लेम कर लिया डिडक्शन
अगर किसी करदाता ने अनजाने में 80GGC के तहत छूट का दावा कर लिया है, तो TAXASSIST उन्हें ITR संशोधित करने या ITR-U फॉर्म भरने की सलाह देगा। इसके अलावा उनसे टैक्स और ब्याज जमा करने को भी कहा जाएगा ताकि भविष्य में पेनल्टी से बचा जा सके।
- फर्जी दान दिखाया: यदि किसी ने वास्तव में कोई दान नहीं किया है, फिर भी रिटर्न में वह दावा कर रहा है, तो इसे टैक्स चोरी माना जाएगा। TAXASSIST इस स्थिति में ITR-U फाइल करके पेंडिंग टैक्स और ब्याज जमा करने की प्रक्रिया बताएगा।
- असली दान किया है: अगर करदाता ने किसी वैध राजनीतिक दल को सही तरीके से दान किया है, तो TAXASSIST उन्हें यह सुझाव देगा कि वे दान की रसीद और बैंक ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड सुरक्षित रखें, क्योंकि आगे जांच के समय इनकी जरूरत पड़ सकती है।
- टैक्सपेयर्स को मिल रहा सीधा लाभ: TAXASSIST के जरिए न सिर्फ रिटर्न फाइल करना आसान होगा, बल्कि टैक्स नोटिसों की भाषा को समझना भी सरल होगा। इससे टैक्सपेयर्स को सही समय पर सही प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी, जिससे वे किसी भी अतिरिक्त टैक्स या पेनल्टी से बच सकते हैं।
आईटीआर भरने के दौरान क्या फायदे मिलेंगे TAXASSIST से
- नोटिस का कारण तुरंत समझा जा सकेगा
- रिटर्न संशोधन की जरूरत हो तो तुरंत प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी
- टैक्स छूट के दावों की सही स्थिति पता चलेगी
- टैक्सपेयर्स को SMS और मेल से रियल टाइम अपडेट मिलेगा
- विभाग की प्रक्रिया को पारदर्शी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी
कैसे करें उपयोग
TAXASSIST सेवा किसी अलग पोर्टल पर नहीं है। यह सेवा टैक्सपेयर्स के PAN से जुड़े मोबाइल नंबर और ईमेल पर सीधा काम करती है। जब विभाग किसी गलती या जानकारी को चिन्हित करता है, तो TAXASSIST के जरिए उसका विवरण भेजता है और समाधान का तरीका बताता है।
विभाग की ओर से की गई पहल
आयकर विभाग का कहना है कि TAXASSIST केवल एक तकनीकी सहायता नहीं, बल्कि टैक्स से जुड़ी आम परेशानियों को सुलझाने के लिए बनाई गई एक स्मार्ट डिजिटल गाइड है। इसका लक्ष्य टैक्सपेयर्स को आत्मनिर्भर बनाना और टैक्स प्रक्रिया को आसान करना है।