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ITR Filing 2025: शादी में मिले कैश गिफ्ट पर टैक्स लगता है या नहीं? ITR भरने से पहले जानें नियम

ITR Filing 2025: शादी में मिले कैश गिफ्ट पर टैक्स लगता है या नहीं? ITR भरने से पहले जानें नियम

अगर आपकी शादी में आपको कैश या गिफ्ट मिला है, तो ITR फाइलिंग करते समय आपको इसके नियम जानना बेहद जरूरी है। आयकर कानून 1961 की धारा 56 के तहत शादी में मिले गिफ्ट, चाहे वह Cash, Gold या Bank Transfer के रूप में हों, टैक्स-फ्री माने जाते हैं। हालांकि, इन्हें ITR में घोषित करना अनिवार्य है।

ITR Filing 2025: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई है। इस बीच कई लोग यह जानना चाहते हैं कि शादी में मिले Cash Gift या अन्य उपहार पर टैक्स देना पड़ता है या नहीं। भारतीय संस्कृति में शादी एक बड़ा उत्सव होती है और इसमें रिश्तेदारों, दोस्तों और परिवार की ओर से गिफ्ट मिलना आम बात है। लेकिन टैक्स से जुड़े नियमों के अनुसार, शादी में मिले उपहार टैक्स-फ्री होते हैं, हालांकि उन्हें ITR Filing के समय घोषित करना अनिवार्य है।

शादी में गिफ्ट देने और लेने की परंपरा

भारतीय शादियों में गिफ्ट का महत्व बेहद खास होता है। मेहमान अपनी क्षमता और रिश्ते के हिसाब से दूल्हा-दुल्हन को उपहार देते हैं। इनमें महंगे सामान, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कैश और यहां तक कि डिजिटल ट्रांसफर तक शामिल हो सकते हैं। जब गिफ्ट की बात कैश से जुड़ती है तो इसका सीधा संबंध इनकम टैक्स से भी जुड़ जाता है। क्योंकि इनकम टैक्स विभाग यह जानना चाहता है कि आपके पास यह रकम कहां से आई है और किसने दी है।

इनकम टैक्स अधिनियम क्या कहता है

इनकम टैक्स अधिनियम 1961 में गिफ्ट को लेकर स्पष्ट प्रावधान हैं। शादी के मौके पर प्राप्त होने वाले गिफ्ट पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है। चाहे गिफ्ट नकद हो, सोना-चांदी हो या किसी और रूप में हो, यह सब टैक्स फ्री माना जाता है। शादी को टैक्स फ्री गिफ्ट के लिए विशेष अपवाद के तौर पर रखा गया है। यानी शादी के मौके पर अगर आपको कैश गिफ्ट मिले हैं तो उस पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है।

शादी के अलावा भी कुछ परिस्थितियों में गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं। अगर आपको गिफ्ट आपके माता-पिता, भाई-बहन, जीवनसाथी, दादा-दादी या अन्य नजदीकी रिश्तेदारों से मिला है तो उस पर टैक्स नहीं लगता है। लेकिन अगर कोई गैर-रिश्तेदार आपको गिफ्ट देता है और उसकी कीमत 50,000 रुपये से अधिक है तो यह टैक्स योग्य आय मानी जाएगी। हालांकि, विवाह के अवसर पर गैर-रिश्तेदार से मिले गिफ्ट भी टैक्स फ्री रहते हैं।

ITR Filing में शादी के गिफ्ट को कैसे दिखाएं?

भले ही शादी में मिले गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन उन्हें ITR में डिस्क्लोज करना जरूरी है।

  • शादी में मिले गिफ्ट को आपकी Income का हिस्सा माना जाता है।
  • यह गिफ्ट आप ITR-2 या ITR-3 फॉर्म में दिखा सकते हैं (जो भी आप पर लागू हो)।
  • इसमें सोर्स (कहां से गिफ्ट मिला है) और वैल्यू दोनों का उल्लेख करना जरूरी है।

यह प्रोसेस पारदर्शिता बनाए रखता है और भविष्य में Income Tax Department की जांच से बचाता है।

ITR में क्यों देना होता है जिक्र

भले ही शादी में मिले गिफ्ट पर टैक्स न लगता हो, लेकिन उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न में बताना जरूरी है। टैक्स विभाग यह जानना चाहता है कि आपकी आय का स्रोत क्या है और कहां से आया है। शादी के तोहफे को आय की श्रेणी में गिना जाता है, लेकिन इस पर टैक्स देनदारी शून्य रहती है। 

ITR फाइलिंग के दौरान आमतौर पर इसकी जानकारी ITR-2 या ITR-3 फॉर्म में दी जाती है। इससे टैक्स विभाग के रिकॉर्ड में आपकी शादी के समय मिली रकम या गिफ्ट दर्ज हो जाती है।

शादी और टैक्स नियम का अनोखा मेल

भारतीय शादियों को भव्य बनाने में गिफ्ट की अहम भूमिका होती है। इनकम टैक्स कानून ने शादी को एक विशेष अवसर मानते हुए गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगाया है। यह नियम लोगों को बिना किसी चिंता के गिफ्ट स्वीकार करने की सुविधा देता है। हालांकि, शादी में मिले गिफ्ट का रिकॉर्ड रखना और ITR में उसका जिक्र करना जरूरी है ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो।

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