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तमिलनाडु में मतदाता सूची का विशेष सत्यापन, मद्रास HC का चुनाव आयोग को निर्देश

तमिलनाडु में मतदाता सूची का विशेष सत्यापन, मद्रास HC का चुनाव आयोग को निर्देश

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू करने के लिए चुनाव आयोग को एक सप्ताह में निर्देश दिया। यह कदम चुनावी पारदर्शिता और मतदाता अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

Madras: तमिलनाडु में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और मतदाता अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय ने भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India - ECI) को निर्देश दिया है कि वह एक सप्ताह के भीतर मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) शुरू करे। यह कदम पूर्व विधायक बी सत्यनारायणन की याचिका पर उठाया गया है, जिन्होंने टी नगर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में व्यवस्थित विसंगतियों और बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था।

न्यायालय के आदेश से चुनाव आयोग को चुनावी अखंडता बनाए रखने और जनता के विश्वास को बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतदाता सूची में शामिल हर नाम सही और वास्तविक हो।

याचिकाकर्ता बी सत्यनारायणन का आरोप

पूर्व विधायक बी सत्यनारायणन ने टी नगर निर्वाचन क्षेत्र में 229 मतदान केंद्रों का पूर्ण और पारदर्शी पुनर्सत्यापन कराने की मांग की थी। उनका दावा है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में बड़ी गड़बड़ी के कारण उन्हें केवल 137 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

सत्यनारायणन के अनुसार, 100 बूथों के घर-घर सत्यापन में कई विसंगतियाँ पाई गईं। इनमें डुप्लिकेट प्रविष्टियाँ, मृत मतदाताओं के नाम और उन मतदाताओं के नाम शामिल थे जो वास्तविक रूप से उस क्षेत्र में नहीं रहते थे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बूथ स्तर के अधिकारी (BLO) ने बिना वास्तविक क्षेत्र भ्रमण किए रिपोर्ट तैयार कर ली, जिससे सत्यापन की प्रक्रिया प्रभावित हुई।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि चुनाव आयोग की निष्क्रियता जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदान के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि गलत प्रविष्टियों और हटाए गए नामों को ठीक करने के लिए गहन पुन: सत्यापन कराया जाए।

मद्रास उच्च न्यायालय की सुनवाई

मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति जी अरुल मुरुगन की पीठ ने इस याचिका पर गौर किया। अदालत ने चुनाव आयोग से पुष्टि की कि वे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का संचालन करेंगे और इस प्रक्रिया को एक सप्ताह के भीतर शुरू करने का आश्वासन दिया।

अदालत ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है। यह सुनिश्चित किया गया कि सत्यापन के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो और सभी मतदाताओं के अधिकार सुरक्षित रहें।

चुनाव आयोग का रुख 

चुनाव आयोग के स्थायी पार्षद निरंजन राजगोपाल ने अदालत को बताया कि विशेष जांच दल (SIR) याचिकाकर्ता की चिंताओं का समाधान करेगा। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी मतदाता वास्तविक हों और उनकी जानकारी सही तरीके से सूचीबद्ध हो।

  • विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया में चुनाव आयोग निम्नलिखित कदम उठाएगा:
  • सभी मतदान केंद्रों और बूथों पर मतदाता सूचियों का विस्तृत निरीक्षण।
  • डुप्लिकेट, मृत या विस्थापित मतदाताओं की पहचान।
  • घर-घर सत्यापन और वास्तविक निवासियों की पुष्टि।
  • सूची में पाई गई त्रुटियों का तुरंत सुधार।

यह प्रक्रिया चुनाव की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी है।

मतदान अधिकार की सुरक्षा

सत्यनारायणन ने अदालत में यह भी कहा कि यदि मतदाता सूची में गड़बड़ी बरकरार रही तो यह सीधे मतदान के अधिकार का हनन होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही चुनावी अखंडता और जनता के विश्वास को खतरे में डाल सकती है।

चुनाव आयोग की निष्क्रियता केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। यह पूरे लोकतंत्र की नींव को प्रभावित कर सकती है। इसलिए विशेष गहन सत्यापन के माध्यम से यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक मतदाता की सूची सही और अद्यतन हो।

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