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ट्रंप ने यूरोप को चेताया, रूसी तेल खरीद बंद करने की दी सलाह

ट्रंप ने यूरोप को चेताया, रूसी तेल खरीद बंद करने की दी सलाह

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोप को रूसी तेल खरीदने से रोकने और चीन पर दबाव बनाने की सलाह दी। भारत पर पहले ही 50% टैरिफ लगाया गया है। उनका उद्देश्य यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद रोकना है।

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूसी तेल खरीदने पर पहले ही टार्गेट किया था। इसके बाद उन्होंने भारत पर 50% टैरिफ लागू किया। अब ट्रंप यूरोप की ओर बढ़ते हुए वहां के नेताओं से रूसी तेल की खरीद बंद करने का आग्रह कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह कदम रूस को युद्ध के लिए फंडिंग करने से रोकेगा और यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने में मदद करेगा।

यूरोप पर ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप ने स्पष्ट किया कि भारत के मामले में पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि भारत को रूसी तेल खरीदने पर टैरिफ के जरिए चेतावनी दी गई थी। अब उनका फोकस यूरोप पर है। गुरुवार को 'Coalition of the Willing' की बैठक में ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं से कहा कि वे रूस से तेल खरीदना बंद करें। इस बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेता भी मौजूद थे।

ट्रंप का यूक्रेन और चीन पर फोकस

ट्रंप ने बैठक में यह भी कहा कि यूरोप को रूस से तेल खरीदना बंद करना चाहिए, और चीन पर आर्थिक दबाव डालना आवश्यक है। उनका मानना है कि चीन को युद्ध को खत्म करने के लिए मजबूर करना होगा। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप यूरोपीय नेताओं को यह संदेश देने के लिए लगातार जोर दे रहे हैं कि रूस को आर्थिक सहायता मिल रही है और उसे रोका जाना चाहिए।

यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि 26 देशों ने युद्ध विराम समझौते के लिए संभावित शांति सेना में योगदान देने का वादा किया है। हालांकि, यूरोप अकेले युद्ध को समाप्त करने और यूक्रेन को सुरक्षा देने में सक्षम नहीं है। मैक्रों ने बताया कि अमेरिका की भूमिका 'सेफ्टी नेट' की तरह महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में यूरोप अमेरिकी समर्थन को अंतिम रूप देने की योजना बना रहा है।

रूस के साथ वार्ता में बाधाएं

ट्रंप और यूरोपीय नेताओं की यह बैठक रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म न कर पाने की हताशा के बीच हुई। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का शिखर सम्मेलन के तीन हफ्ते बाद भी ट्रंप को वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं दिखी। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि ट्रंप यह विचार कर रहे हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति बैठक में उन्हें पर्सनली कितना शामिल होना चाहिए।

रूस और यूरोप के बीच तेल व्यापार

रूस की सरकारी एजेंसी RIA के अनुसार, क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच किसी भी शीर्ष स्तरीय बैठक से पहले काफी काम करने की जरूरत है। इस बीच, ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं को बताया कि रूस ने पिछले साल केवल यूरोपीय संघ को ईंधन बेचकर 1.1 अरब यूरो कमाए। यह राशि रूस को यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रही है।

हालांकि ट्रंप रूस के साथ बिजनेस करने वाले देशों पर दबाव डाल रहे हैं, उन्हें यह भी फिक्रमंदी है कि इससे रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के मामले में पहले ही टैरिफ लागू किया जा चुका है। उनका फोकस यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक दबाव के बावजूद शांति वार्ता प्रभावित न हो।

भारत पर पहले ही लगाया गया टैरिफ

ट्रंप ने कहा कि भारत के मामले में कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने रूसी तेल आयात करने वाले भारत पर 50% टैरिफ लगाया। उनका संदेश यह है कि रूस से तेल खरीदने वालों को आर्थिक तौर पर जवाबदेह बनाना जरूरी है।

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