प्रयागराज की विशेष कोर्ट ने उमेश पाल मर्डर केस में अतीक अहमद के बड़े बेटे उमर अहमद की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से इनकार किया।
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की विशेष एससी/एसटी एक्ट कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के बड़े बेटे मोहम्मद उमर अहमद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। उमर वर्तमान में लखनऊ जेल में बंद हैं और उन पर उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने का गंभीर आरोप है। कोर्ट ने अपराध की प्रकृति और गंभीरता को आधार बनाकर जमानत देने से इनकार किया। इससे पहले अतीक के दूसरे बेटे अली अहमद की भी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
जमानत याचिका में उमर के दलील और कोर्ट का आदेश
उमर के वकीलों ने दावा किया कि हत्याकांड के समय उमर लखनऊ जेल में बंद थे, इसलिए साजिश का कोई आधार नहीं है। वकीलों का कहना था कि पुलिस ने षड्यंत्र के तहत आरोप लगाए हैं।
हालांकि, सरकारी वकील ने इस पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि अपराध की प्रकृति, सबूत और समाज पर संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती।
दिनदहाड़े बसपा गवाह की हत्या
24 फरवरी 2023 को प्रयागराज के सुल्तानपुर क्षेत्र में दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल बसपा के विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह थे।
हत्याकांड में 4-5 हथियारबंद बदमाशों ने बम और गोलियों से हमला किया, जिसमें उमेश पाल और उनके दो गनर मारे गए। घटना के दौरान अफरा-तफरी मच गई थी। पीड़िता जया पाल ने आरोप लगाया कि जेल में बंद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और दोनों बेटों उमर व अली ने हत्या करवाई।
पुलिस ने हत्याकांड में 9 गिरफ्तार किए
यूपी पुलिस ने हत्याकांड के बाद 10 टीमें गठित कीं। कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें अतीक के दो बेटे भी शामिल थे। पुलिस जांच में उमर का नाम साजिशकर्ता के रूप में सामने आया।
पुलिस के अनुसार, उमर को उनके छोटे भाई असद ने हत्या की योजना से अवगत कराया था। इसके अलावा अतीक के सहयोगी गुड्डू मुस्लिम भी इस मामले में शामिल थे।