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उत्तराखंड मे पोल्ट्री फार्म की आड़ में चल रही थी MDMA की फैक्ट्री, ड्रग सिंडिकेट का हुआ बड़ा भंडाफोड़

उत्तराखंड मे पोल्ट्री फार्म की आड़ में चल रही थी MDMA की फैक्ट्री, ड्रग सिंडिकेट का हुआ बड़ा भंडाफोड़

उत्तराखंड पुलिस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के 'ड्रग्स फ्री देवभूमि' अभियान को मजबूती देने के लिए एक बड़ा सफ़ल अभियान चलाया है। डीजीपी दीपम सेठ के निर्देश पर एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि यह गिरोह चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में पोल्ट्री फार्म की आड़ में एमडीएमए (MDMA) ड्रग्स का निर्माण कर रहा था। मुख्य आरोपी कुनाल कोहली और उसके सहयोगी बनबसा तथा सुवालेख में किराए पर लिए गए फार्म पर ड्रग फैक्ट्री चला रहे थे। तैयार ड्रग्स को मुंबई समेत देश के कई बड़े शहरों में सप्लाई किया जा रहा था।

पुलिस ने नानकमत्ता क्षेत्र से कुनाल कोहली को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से 7.41 ग्राम तैयार MDMA, 28 किलो ड्रग पाउडर और 126 लीटर प्रतिबंधित प्रीकर्सर केमिकल बरामद हुए हैं। जब्त रसायनों में Dichloromethane, Acetone, HCL, Methylamine और Sodium Hydroxide जैसे NDPS एक्ट के तहत प्रतिबंधित केमिकल शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, ये केमिकल लगभग 6 किलो MDMA बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते थे, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 12 करोड़ रुपये आंकी गई है। मामले में अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है और जांच गहराई से चल रही है।

महाराष्ट्र से नेपाल तक फैला था ड्रग नेटवर्क

जांच के दौरान पता चला कि यह ड्रग नेटवर्क महाराष्ट्र के ठाणे, गाजियाबाद, वाराणसी और नेपाल तक फैला हुआ था। पुलिस ने कुनाल कोहली के साथ मोनू गुप्ता, भीम यादव, अमन कोहली और राहुल की पत्नी ईशा को भी गिरफ्तार किया है। ईशा के पास से 5.6 किलो MDMA जब्त किया गया था। सिंडिकेट की पकड़ को मजबूत करने के लिए पुलिस महाराष्ट्र से शुरू हुई 31 मई की बड़ी ड्रग बरामदगी की जांच कर रही है, जिसमें मेथ बॉल्स बरामद हुई थीं। पिथौरागढ़ के थल क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म पर छापा मारकर आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा गया।

इन आरोपियों ने नागपुर से फरार होकर टनकपुर में छिपने की कोशिश की थी। सितंबर 2024 में टनकपुर में उनके खिलाफ जांच हुई थी, जहां फार्म से तेज रसायनों की दुर्गंध आई थी। आरोपियों ने पोल्ट्री फीड के साथ केमिकल मंगवा कर अपने असली कारोबार को छुपाने की कोशिश की।

बिना लाइसेंस के मंगाए केमिकल

उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि यह गिरोह गाजियाबाद, वाराणसी और ठाणे की कंपनियों से बिना लाइसेंस प्रतिबंधित प्रीकर्सर केमिकल मंगवा रहा था। इन कंपनियों की जांच भी शुरू की गई है। आरोपियों पर NDPS एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई हो रही है। मुंबई पुलिस ने पहले ही कुनाल कोहली के खिलाफ तीन एनडीपीएस केस दर्ज किए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि इस सिंडिकेट का संबंध मुंबई के अंडरवर्ल्ड से है। फार्म का मालिक रमेश जिनवाल बताया जा रहा है, जिसका अंडरवर्ल्ड से गहरा कनेक्शन है। पुलिस अब गिरोह के वित्तीय लेन-देन, संपत्तियों और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की गहन जांच कर रही है।

डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि पूरे प्रदेश में ड्रग्स के नेटवर्क को समाप्त करने के लिए बहुआयामी रणनीति के तहत सख्त कार्रवाई जारी है। अवैध संपत्तियों की पहचान कर जब्त किया जा रहा है, और पीआईटी-एनडीपीएस के तहत कठोर सजा की तैयारी चल रही है। अब तक प्रदेश में 44 यूनिट्स की पहचान हुई है, जहां प्रतिबंधित केमिकल्स का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि 172 फार्मा यूनिट्स की जांच जारी है। सभी थानों को ड्रग डिटेक्शन किट उपलब्ध कराई गई हैं ताकि संदिग्ध पदार्थों की मौके पर जांच की जा सके। डीजीपी ने इस अभियान में मिली सफलता पर पुलिस टीम को ₹1 लाख का इनाम देने की घोषणा भी की है।

इस कार्रवाई से प्रदेश में नशा मुक्त उत्तराखंड के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि मिली है और पुलिस टीम ड्रग्स के खिलाफ जंग को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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