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वडोदरा पुल हादसा: मृतकों की संख्या पहुंची 19, दो लापता, रेस्क्यू जारी

वडोदरा पुल हादसा: मृतकों की संख्या पहुंची 19, दो लापता, रेस्क्यू जारी

वडोदरा के गंभीरा पुल हादसे में मृतकों की संख्या 19 पहुंची। महिसागर नदी में गिरी गाड़ियों से दो लोग अब भी लापता हैं। NDRF और SDRF की टीमें सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं।

Vadodara Bridge Accident: गुजरात के वडोदरा जिले में हुए गंभीर पुल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। बुधवार 9 जुलाई को सुबह वडोदरा के पादरा कस्बे के पास महिसागर नदी पर स्थित करीब 40 साल पुराना गंभीरा ब्रिज अचानक टूट गया। ब्रिज का एक हिस्सा ढहने से कई वाहन सीधे नदी में गिर गए। प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया और अब तक 19 शव बरामद किए जा चुके हैं।

दो लोग अब भी लापता, चार घायल अस्पताल में भर्ती

प्रशासन ने बताया है कि अभी भी दो लोग लापता हैं, जिनकी तलाश में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। हादसे में घायल चार लोगों का इलाज वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में चल रहा है। कलेक्टर अनिल धमेलिया के अनुसार, घायलों की हालत स्थिर है और उन्हें लगातार चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।

ब्रिज हादसे में 45 वर्षीय व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत

शुक्रवार को इलाज के दौरान एक और घायल की मौत हो गई। मृतक की पहचान नरेंद्र सिंह परमार (45 वर्ष) के रूप में हुई है, जिनका इलाज एसएसजी अस्पताल में चल रहा था। इसके साथ ही हादसे में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 19 हो गई है। हादसे के बाद से पूरे इलाके में शोक की लहर है।

हादसे के पीछे ब्रिज की जर्जर स्थिति जिम्मेदार

स्थानीय सूत्रों और प्रशासन के शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार, पुल की संरचना काफी पुरानी और कमजोर हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि बरसात के मौसम में लगातार पानी के दबाव और भारी वाहनों के आवागमन ने पुल की नींव को कमजोर कर दिया था। इस कारण बुधवार की सुबह जब ट्रक और अन्य वाहन ब्रिज से गुजर रहे थे, तो एक हिस्सा अचानक ढह गया।

वडोदरा कलेक्टर ने दी हादसे की विस्तृत जानकारी

वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, "हादसे के दिन 12 शव निकाले गए थे और अगले दिन 6 और शव बरामद हुए। अब तक कुल 19 लोगों के शव मिल चुके हैं। इसके अलावा, पांच लोगों को पहले ही दिन बचा लिया गया था। एक ट्रक ब्रिज के नीचे फंसा हुआ है और उसका ड्राइवर अब भी लापता है। हम उसकी तलाश जारी रखे हुए हैं।"

मंत्री ऋषिकेश पटेल ने किया दौरा

गुजरात सरकार के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने राहत कार्यों की निगरानी की और अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सभी पीड़ितों को हरसंभव सहायता देगी।

बचाव अभियान में सामने आईं चुनौतियां

रेस्क्यू टीमों के लिए यह अभियान काफी कठिन रहा है क्योंकि महिसागर नदी में पानी का बहाव तेज है और हादसे के बाद कुछ वाहन नदी के भीतर फंस गए हैं। SDRF और NDRF की टीमें विशेष उपकरणों के साथ सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। प्रशासन ने बताया कि कुछ शव एक स्लैब के नीचे दबे हुए हैं, जिन्हें निकालने का प्रयास लगातार जारी है।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा देखा गया है। उनका कहना है कि प्रशासन को पहले ही इस पुल की स्थिति की जानकारी थी, फिर भी समय रहते उचित मरम्मत या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। कई लोगों ने आरोप लगाया कि पुल पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा था, लेकिन संरचनात्मक जांच नहीं कराई गई।

सरकार ने दिए जांच के आदेश

गुजरात सरकार ने इस गंभीर हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक स्तर पर लोक निर्माण विभाग (PWD) से रिपोर्ट मांगी गई है। जांच के बाद यह तय किया जाएगा कि हादसे के लिए किस स्तर पर लापरवाही हुई और कौन जिम्मेदार है। सूत्रों के अनुसार, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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