विदेशों में रहने वाले भारतीय अब डाकघरों के जरिए UPI से आसानी और कम लागत पर पैसे भेज सकेंगे। दुबई में शुरू हुए UPI-UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट से 190 से ज्यादा देशों में ट्रांजैक्शन संभव होगा। इससे खासकर प्रवासी कामगारों, छोटे व्यवसायों और ई-कॉमर्स कारोबारियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
UPI NEWS: भारतीय प्रवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुबई में 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में UPI-UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस पहल से भारत का UPI अब यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के 190 देशों में फैले नेटवर्क से जुड़ गया है। इसके तहत यूजर्स डाकघरों के जरिए विदेशों में पैसे तेज और कम लागत पर भेज पाएंगे। यह प्रोजेक्ट इंडिया पोस्ट, NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स और UPU की साझेदारी में तैयार किया गया है। इससे प्रवासी भारतीय परिवारों, छोटे कारोबारियों और ई-कॉमर्स विक्रेताओं को समय पर और सस्ता लेन-देन करने की सुविधा मिलेगी।
दुबई से शुरू हुआ UPI-UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने दुबई में आयोजित 28वीं यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में इस पहल की शुरुआत की। इस प्रोजेक्ट को इंडिया पोस्ट, NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन यानी UPU ने मिलकर तैयार किया है। इस इंटीग्रेशन के बाद भारत का लोकप्रिय पेमेंट प्लेटफॉर्म UPI अब सीधे ग्लोबल पोस्ट नेटवर्क से जुड़ गया है।
डाक नेटवर्क से जुड़ेगा UPI
इस प्रोजेक्ट के जरिए लोग डाकघरों के नेटवर्क से पैसे भेज और प्राप्त कर सकेंगे। यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का नेटवर्क 190 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है। ऐसे में विदेश में काम करने वाले भारतीय प्रवासी आसानी से भारत में अपने परिवारों को पैसे भेज पाएंगे। इसके साथ ही छोटे कारोबारी और ई-कॉमर्स सेलर्स को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा, जो अंतरराष्ट्रीय लेनदेन पर निर्भर रहते हैं।
कम खर्च और तेज प्रक्रिया
अब तक विदेश से पैसा भेजने की प्रक्रिया महंगी और समय लेने वाली साबित होती थी। अलग-अलग बैंकिंग सिस्टम और इंटरनेशनल चार्जेज की वजह से प्रवासी भारतीयों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता था। लेकिन UPI और UPU के जुड़ने से पैसे भेजने में न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि ट्रांसफर चार्ज भी काफी कम हो जाएंगे।
प्रवासी भारतीयों को होगा सीधा फायदा
इस सुविधा से सबसे ज्यादा फायदा उन भारतीय मजदूरों और कामगारों को होगा, जो खाड़ी देशों और अन्य जगहों पर काम करते हैं। अक्सर इन इलाकों में बैंकिंग सुविधाएं सीमित होती हैं। ऐसे में डाकघर के जरिए UPI आधारित ट्रांसफर उनके लिए राहत साबित होगा। अब वे आसानी से और सुरक्षित तरीके से अपने घर पैसे भेज पाएंगे।
लॉन्चिंग कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह पहल वित्तीय सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम है। उन्होंने कहा कि डाक नेटवर्क पर लोगों का भरोसा और UPI की गति मिलकर लेनदेन को सुरक्षित और सस्ता बना देंगे। इसका असर करोड़ों भारतीय परिवारों तक पहुंचेगा।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगी मजबूती
भारत ने हाल के वर्षों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बढ़ावा दिया है। UPI इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जिसने देश के भीतर भुगतान प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया। अब यह कदम भारत को वैश्विक डिजिटल भुगतान नेटवर्क में मजबूत पहचान दिलाएगा।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल भारतीय डाक ने 90 करोड़ से ज्यादा पत्र और पार्सल लोगों तक पहुंचाए। वहीं, जन धन योजना और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के तहत 56 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं के नाम पर हैं। अब जब डाक सेवाओं को डिजिटल भुगतान प्रणाली से जोड़ा गया है, तो इसका असर और गहरा होने वाला है।
छोटे कारोबारियों को भी राहत
नए सिस्टम से उन छोटे व्यापारियों को भी फायदा होगा, जो अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के साथ व्यापार करते हैं। खासकर ई-कॉमर्स क्षेत्र में काम करने वालों के लिए भुगतान की प्रक्रिया और आसान तथा सस्ती हो जाएगी। इससे भारत के डिजिटल कॉमर्स को भी नई गति मिलेगी।