उत्तर प्रदेश सरकार ने जीरो पावर्टी मिशन के तहत गरीब परिवारों को प्रशिक्षण देकर ₹18,400 मासिक वेतन वाली नौकरी देने की योजना शुरू की है। अडानी, SBI और ताज ग्रुप जैसी कंपनियों में सीधी भर्ती की जाएगी।
CM Yogi Job Scheme: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना को “जीरो पावर्टी अभियान” के तहत शुरू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को न केवल ट्रेनिंग देना है, बल्कि उन्हें सीधे प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार भी उपलब्ध कराना है।
पहले चरण में 300 परिवारों को मिलेगा लाभ
योजना के पहले चरण में 300 ऐसे परिवारों को चुना गया है जो आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा पिछड़े हैं। इन परिवारों के मुखियाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें 18,400 रुपये मासिक वेतन वाली नौकरियों से जोड़ा जाएगा। खास बात यह है कि प्रशिक्षण के बाद इन लोगों को नौकरी खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार खुद उन्हें रोजगार से जोड़ेगी।
नौकरी की गारंटी दे रहीं ये कंपनियां
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए देश की कई जानी-मानी कंपनियों से साझेदारी की है। जिन कंपनियों में सीधे रोजगार की व्यवस्था की जा रही है, उनमें होटल ताज, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), एल एंड टी लिमिटेड, और अडानी ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने पहले ही प्रशिक्षित लोगों को नौकरी देने की सहमति दे दी है।
योजना का उद्देश्य और दृष्टिकोण
यह योजना केवल गरीबी दूर करने की पहल नहीं है, बल्कि यह लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार हो रहा है जब कोई राज्य सरकार गरीब वर्ग को सीधे कॉर्पोरेट सेक्टर से जोड़ने जा रही है। योजना का उद्देश्य केवल रोजगार देना नहीं, बल्कि लोगों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है।
प्रशिक्षण की जिम्मेदारी कौशल विकास मिशन के पास
इस अभियान को उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) के ज़रिए लागू किया जा रहा है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जानकारी दी कि पहले चरण में जिन 300 परिवारों का चयन किया गया है, उन्हें जल्द ही ट्रेनिंग दी जाएगी। उसके बाद पूरे प्रदेश में यह अभियान विस्तार पाएगा। सरकार ने एक हजार से अधिक प्रशिक्षण साझेदारों का चयन शुरू कर दिया है जो विभिन्न जिलों में ट्रेनिंग देने का काम संभालेंगे।
पारंपरिक ट्रेनिंग से अलग होगा यह मॉडल
इस योजना के तहत दी जा रही ट्रेनिंग केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं होगी। इसमें 360 डिग्री दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है जिसमें व्यक्तित्व विकास, व्यवहारिक कौशल, संवाद शैली, कस्टमर डीलिंग, बेसिक अंग्रेजी, सफाई, हाउसकीपिंग, गेस्ट अटेंडेंट जैसे कार्यों में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी प्रशिक्षण निजी क्षेत्र की मांगों के अनुरूप हों।
न्यूनतम वेतन की गारंटी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रशिक्षण लेने वाले हर उम्मीदवार को न्यूनतम ₹18,400 मासिक वेतन की गारंटी दी जाएगी। यह केवल नौकरी दिलाने का नहीं, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और सुरक्षित भविष्य देने का प्रयास है। इस वेतन का उद्देश्य लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर उठाना और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना है।
उद्योग जगत ने दिखाई रुचि
सरकार के इस प्रयास को देशभर के उद्योगों से भी सराहना मिली है। अब तक 40 से अधिक कंपनियों ने इस योजना में भागीदारी की इच्छा जताई है। कुछ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी इसमें रुचि दिखाई है। मुख्य सचिव के अनुसार, सरकार किसी भी रूप में लोगों को दया नहीं दे रही, बल्कि उन्हें हक़ दे रही है। यह सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर है।
सामाजिक विकास की दिशा में मजबूत कदम
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच हमेशा से यही रही है कि जब तक समाज का सबसे पिछड़ा व्यक्ति आगे नहीं बढ़ेगा, तब तक विकास अधूरा रहेगा। यह योजना उसी सोच का हिस्सा है। अब यह केवल नारा नहीं, बल्कि लागू की गई नीति बन चुकी है।