भारत की पंचांग परंपरा में प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व होता है, और जब दिन हो कालाष्टमी, नक्षत्र हो पूर्व भाद्रपद, और योग हो प्रीति, तब यह दिन और भी अधिक शक्तिशाली और फलदायक बन जाता है। 18 जून 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ, साथ ही सचेत रहने योग्य भी है। इस दिन से पंचक की शुरुआत हो रही है, और यह दिन भगवान काल भैरव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। आइए जानें 18 जून 2025 के विस्तृत पंचांग के साथ-साथ, शुभ-अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति और क्या करें–क्या न करें जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां।
18 जून 2025 का पंचांग (Aaj Ka Panchang)
- तिथि: आषाढ़ कृष्ण पक्ष सप्तमी
- तिथि समाप्ति: 18 जून को दोपहर 1:34 बजे तक
- वार: बुधवार
- नक्षत्र: पूर्व भाद्रपद
- योग: प्रीति
- सूर्योदय: सुबह 5:23
- सूर्यास्त: शाम 8:46
- चंद्रोदय: रात 10:43
- चंद्रास्त: अगले दिन सुबह 12:24
- चंद्र राशि: कुंभ
राहुकाल और अन्य अशुभ समय
- राहुकाल: दोपहर 12:22 से 2:07 तक
- यमगंड काल: सुबह 7:08 से 8:53 तक
- गुलिक काल: सुबह 10:38 से दोपहर 12:22 तक
- आडल योग: सुबह 12:23 बजे तक
पंचक की शुरुआत: क्या न करें इन 5 दिनों में?
18 जून से पंचक शुरू हो रहे हैं जो अगले 5 दिन तक रहेंगे। पंचक में विशेष रूप से नीचे दिए गए कार्यों से बचना चाहिए:
- घर की छत डालना या निर्माण कार्य
- दाह संस्कार करना (विशेष अनुष्ठान के बिना)
- बिस्तर, लकड़ी, घास आदि एकत्र करना
- कंबल, पलंग, चटाई की खरीदारी या दान
- किसी भी प्रकार का महत्वपूर्ण सौदा या यात्रा की शुरुआत
कालाष्टमी का महत्व और पूजन विधि
कालाष्टमी भगवान काल भैरव की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन रक्षात्मक शक्तियों को जाग्रत करने, नकारात्मकता से मुक्ति और भय से छुटकारा पाने के लिए अत्यंत उपयोगी होता है।
- प्रात: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- किसी शिव या भैरव मंदिर जाएं या घर में भैरव जी की तस्वीर पर पूजा करें।
- सरसों के तेल का दीपक मिट्टी के पात्र में जलाएं।
- काले तिल, नारियल, चूरमा और नींबू का भोग अर्पित करें।
- ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ
ग्रह स्थिति (Grah Gochar)
- सूर्य - मिथुन
- चंद्रमा - कुंभ
- मंगल - सिंह
- बुध - मिथुन
- गुरु - मिथुन
- शुक्र - मेष
- शनि - मीन
- राहु - कुंभ
- केतु - सिंह
क्या करें आज के दिन?
- भगवान काल भैरव की पूजा करें और गरीबों को काले तिल, सरसों का तेल और अन्न का दान करें।
- काले कुत्ते को रोटी, दूध या गुड़-चावल खिलाएं।
- किसी भी परेशान व्यक्ति या मजदूर की यथासंभव मदद करें। काल भैरव को सेवाभाव अत्यंत प्रिय है।
- अगर किसी नकारात्मक ऊर्जा या भय का अनुभव हो रहा हो, तो भैरव चालीसा या काल भैरव अष्टक का पाठ करें।
क्या न करें आज के दिन?
- काले कुत्ते को सताना या दुत्कारना वर्जित माना गया है।
- किसी भी गरीब, श्रमिक या मजदूर को तिरस्कार न करें।
- पंचक में सफर, खरीदारी और बड़े फैसलों से बचें।
- किसी विवाद या गुस्से की स्थिति से खुद को दूर रखें, क्योंकि ग्रहों की स्थिति उग्र प्रतिक्रिया का कारण बन सकती है।
विशेष उपाय: धन और बाधा निवारण के लिए
अगर आप आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो कालाष्टमी की रात्रि में यह उपाय करें:
- एक खाली मिट्टी का दीपक लें, उसमें सरसों का तेल और एक लौंग डालें।
- दीपक को अपने घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर जलाएं।
- ॐ कालभैरवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
18 जून 2025 का दिन धार्मिक शक्ति, ज्योतिषीय परिवर्तन और आध्यात्मिक उन्नति का अद्वितीय संगम है। जहां कालाष्टमी पर श्रद्धा से पूजा जीवन में शांति और सुरक्षा लाती है, वहीं पंचक की शुरुआत हमें संयम और सतर्कता की ओर प्रेरित करती है। इस दिन का अधिकतम लाभ लेने के लिए, संयम, सेवा और साधना को जीवन का अंग बनाएं। तभी यह शुभ दिन आपके लिए सौभाग्य और सफलता की राह खोल सकता है।