शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। आज व्यतीपात योग और रोहिणी नक्षत्र के संयोग से दिन का प्रभाव विशेष रहेगा। पंचांग के अनुसार, आज के शुभ मुहूर्त और राहुकाल को ध्यान में रखकर किए गए कार्य शुभ फल देंगे। शनि और लक्ष्मी की पूजा से सफलता के योग बन रहे हैं।
Aaj ka Panchang: शनिवार, 11 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पड़ रही है। इस दिन व्यतीपात योग और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जिससे शुभ-अशुभ दोनों प्रभाव एक साथ देखने को मिलेंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज शनि देव की पूजा और मां लक्ष्मी की आराधना का विशेष महत्व है। पंडित आनंद सागर पाठक के मुताबिक, आज का दिन धार्मिक कार्यों, दान-पुण्य और आत्मसंयम के लिए उपयुक्त माना गया है। शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों में सफलता और आर्थिक स्थिरता की संभावना अधिक रहेगी।
आज का पंचांग
- तिथि: कार्तिक माह, कृष्ण पक्ष की पंचमी
- तिथि समाप्ति का समय: शाम 4 बजकर 43 मिनट तक
- वार: शनिवार
- योग: व्यतीपात योग (दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक)
- करण: तैतिल (शाम 4 बजकर 43 मिनट तक), इसके बाद गरज
- नक्षत्र: रोहिणी नक्षत्र (दोपहर 3 बजकर 20 मिनट तक)
सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्र स्थिति
- सूर्योदय: सुबह 6 बजकर 19 मिनट
- सूर्यास्त: शाम 5 बजकर 56 मिनट
- चंद्रोदय: रात 9 बजकर 10 मिनट
- चंद्रास्त: सुबह 11 बजे
- सूर्य राशि: कन्या
- चंद्र राशि: वृषभ (देर रात 2 बजकर 24 मिनट तक, 12 अक्टूबर)
पंडित आनंद सागर पाठक के अनुसार, आज का दिन चंद्रमा के वृषभ राशि में रहने के कारण स्थिरता और व्यावहारिकता से जुड़ा रहेगा। वृषभ राशि के जातकों के लिए यह दिन आत्मविश्वास और आर्थिक निर्णयों के लिए अनुकूल माना जा सकता है।
आज के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat 11 October 2025)
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक
- अमृत काल: सुबह 5 बजकर 26 मिनट से सुबह 6 बजकर 55 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 3 बजकर 26 मिनट तक (12 अक्टूबर)
इन मुहूर्तों में किसी नए कार्य की शुरुआत, पूजा, व्रत या किसी महत्वपूर्ण निर्णय के लिए समय शुभ माना गया है। विशेष रूप से अभिजीत मुहूर्त को ऐसा समय कहा गया है जब किए गए कार्यों में सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है।
आज के अशुभ समय
- राहुकाल: सुबह 9 बजकर 14 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक
- गुलिक काल: सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 46 मिनट तक
- यमगण्ड काल: दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से 3 बजकर 2 मिनट तक
पंडित पाठक का कहना है कि राहुकाल और यमगण्ड काल के दौरान कोई भी नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। इन समयों में यात्रा, निवेश या धार्मिक कार्य करने से बचना बेहतर होता है।
आज का नक्षत्र और उसका प्रभाव
आज का दिन रोहिणी नक्षत्र से जुड़ा है, जिसका स्वामी चंद्र देव हैं। यह नक्षत्र रचनात्मकता, सौंदर्य, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। रोहिणी नक्षत्र के जातक कला प्रेमी, व्यवहारिक, भोग-विलासी और रचनात्मक प्रवृत्ति के होते हैं।
रोहिणी नक्षत्र की सामान्य विशेषताएं
कला और संगीत प्रेम, संवाद-कुशलता, आकर्षक व्यक्तित्व, शांत स्वभाव, और आर्थिक समझ। हालांकि इस नक्षत्र के जातकों में जिद्दीपन भी देखने को मिलता है, जो कभी-कभी निर्णयों में बाधा डाल सकता है।
- नक्षत्र स्वामी: चंद्र देव
- राशि स्वामी: शुक्र देव
- देवता: ब्रह्मा या प्रजापति
- प्रतीक: रथ का पहिया (जो प्रगति और गति का संकेत देता है)
आज के प्रमुख योग (Shubh-Ashubh Yog)
- व्यतीपात योग (अशुभ) – यह योग दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। इस योग में किसी नए कार्य, यात्रा या वित्तीय लेनदेन से बचना उचित माना जाता है।
- अमृत काल (शुभ) – सुबह का यह समय दिन की शुरुआत के लिए उत्तम है। इस समय में किए गए आध्यात्मिक कार्यों का फल शुभ माना जाता है।
- तैतिल करण और गरज करण – तैतिल करण के दौरान भौतिक कार्यों की सफलता मिलती है, जबकि गरज करण का समय धार्मिक या मानसिक साधना के लिए अच्छा है।
आज के दिन क्या करें और क्या न करें
क्या करें
- सुबह सूर्योदय से पहले स्नान कर शनि देव की पूजा करें।
- तिल, तेल और काले वस्त्र का दान करना शुभ माना गया है।
- मां लक्ष्मी और विष्णु की संयुक्त पूजा करने से धन लाभ के योग बन सकते हैं।
- यदि आप किसी नए कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त का समय चुनें।
- क्या न करें
- राहुकाल या यमगण्ड काल में कोई नया काम न शुरू करें।
- आज के दिन अनावश्यक विवादों और क्रोध से बचें।
- व्यतीपात योग में यात्रा या बड़े वित्तीय निर्णय न लें।
आज का धार्मिक महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह का विशेष महत्व होता है। इस महीने में देव पूजन, व्रत और दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। पंडित आनंद सागर पाठक कहते हैं कि पंचमी तिथि देवी स्वरूपा मानी जाती है। आज के दिन मां लक्ष्मी की आराधना करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
शनिवार होने के कारण आज शनि देव की उपासना का भी विशेष महत्व है। जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है, वे आज शनि स्तोत्र या शनि चालीसा का पाठ करें। इससे ग्रहों के दोष कम होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
पंडित आनंद सागर पाठक की आज की सलाह
आज का दिन संयम और मेहनत से आगे बढ़ने का संकेत देता है। चंद्रमा वृषभ राशि में होने से आर्थिक और पारिवारिक मामलों में स्थिरता बनी रहेगी। सुबह के शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ अवश्य करें और शनि देव के नाम का दीपक जलाएं। इससे दिनभर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
संक्षेप में आज का दिन
- तिथि: कृष्ण पक्ष पंचमी
- वार: शनिवार
- नक्षत्र: रोहिणी
- योग: व्यतीपात
- राशि: चंद्र – वृषभ, सूर्य – कन्या
- शुभ समय: अभिजीत मुहूर्त (11:44 से 12:31 तक)
- अशुभ समय: राहुकाल (9:14 से 10:41 तक)
आज का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। शुभ समय में किए गए कार्यों में सफलता मिलेगी, जबकि अशुभ योगों में सतर्क रहना चाहिए। शनि देव की पूजा और मां लक्ष्मी की आराधना से दिन सकारात्मक फल देने वाला रहेगा।