आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान की कानूनी परेशानियां एक बार फिर बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ जामिया नगर में पुलिस टीम पर हमले के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस केस में अमानतुल्लाह समेत सात लोगों को नामजद किया गया है। मामला 10 फरवरी 2025 को दर्ज एक एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि खान और उनके समर्थकों ने क्राइम ब्रांच की टीम पर हमला किया था। टीम 2018 में दर्ज एक हत्या के प्रयास के मामले में फरार आरोपी शाहबाज खान को पकड़ने गई थी।
पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि अमानतुल्लाह खान ने कथित रूप से 20-25 समर्थकों के साथ पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की, एक पुलिसकर्मी का पहचान पत्र छीना और शाहबाज को पुलिस हिरासत से भगाने में मदद की। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 221, 132, 121(1) और 191(2) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।
फरार रहने और फोन बंद करने से जांच में आई बाधा
चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि घटना के बाद खान कुछ समय तक फरार रहे। उनका मोबाइल फोन भी बंद था, जिससे पुलिस को उनकी लोकेशन ट्रेस करने में मुश्किलें आईं। हालांकि फिलहाल अमानतुल्लाह खान इस मामले में जमानत पर बाहर हैं। पुलिस का मानना है कि चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब केस की सुनवाई में तेजी आएगी और आगे की कानूनी कार्रवाई भी तेज हो सकती है।
कहीं साजिश का आरोप तो कहीं जमानत की राहत
जांच तेज होने के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई स्थानों पर पुलिस ने छापेमारी की। इस बीच अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर खुद को बेगुनाह बताया और दावा किया कि वह अपनी विधानसभा क्षेत्र में ही मौजूद थे। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।
13 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने खान को 24 फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। इसके बाद खान जामिया नगर थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने उनसे करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। 25 फरवरी को कोर्ट ने उन्हें 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत प्रदान कर दी।