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तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार का ऐलान, क्या साथ आएंगी सहयोगी पार्टियां

तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार का ऐलान, क्या साथ आएंगी सहयोगी पार्टियां

बिहार की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई जब नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का संकेत दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में चल रहा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान पक्षपातपूर्ण है और लाखों मतदाताओं को सूची से बाहर किया जा रहा है। तेजस्वी यादव ने मॉनसून सत्र के दौरान इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की मांग की और सरकार पर मतदाता अधिकारों को खत्म करने का आरोप लगाया।

तेजस्वी के इस बयान के बाद यह सवाल उठने लगा कि क्या महागठबंधन की अन्य पार्टियां भी इस कदम में उनके साथ खड़ी होंगी? फिलहाल इस पर सहयोगी दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, लेकिन सबकी राय एक जैसी नहीं दिख रही है।

बहिष्कार पर अभी फैसला नहीं

महागठबंधन की सहयोगी पार्टी भाकपा (माले) ने साफ किया है कि चुनाव बहिष्कार को लेकर अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। पार्टी विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा कि यह मुद्दा गंभीर है, लेकिन कोई भी फैसला आपसी विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाएगा। उन्होंने माना कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, और अगर ये स्थिति बनी रही तो पार्टी बहिष्कार के विकल्प पर जरूर विचार कर सकती है।

कांग्रेस का रुख

कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर थोड़ी संयमित रही। वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि पार्टी ने फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन तेजस्वी यादव विपक्ष और महागठबंधन के बड़े नेता हैं, इसलिए उनके बयान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध दिख रही है और जिस तरह से मतदाता सूची में छेड़छाड़ की जा रही है, उसे देखते हुए कोई भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पार्टी पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव की पक्षधर है। उन्होंने मांग की कि चुनाव उसी मतदाता सूची के आधार पर कराए जाएं जो पहले से स्वीकृत है। उन्होंने तेजस्वी यादव के बयान को आक्रोश से प्रेरित बताया और कहा कि जब जनता को उनके मतदान अधिकारों से वंचित किया जा रहा हो तो आक्रोश स्वाभाविक है।

माकपा की प्रतिक्रिया

माकपा विधायक अजय कुमार ने भी बयान दिया कि चुनाव बहिष्कार जैसे बड़े फैसले अकेले नहीं लिए जा सकते। उन्होंने कहा कि अगर कोई निर्णय लेना होगा तो वह महागठबंधन मिलकर लेगा और समय आने पर स्थिति साफ हो जाएगी।

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