महाराष्ट्र के लातूर में अखिल भारतीय छावा संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने के मामले में आखिरकार राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सूरज चव्हाण को अपने पद से हटना पड़ा है।
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में उठापटक लगातार जारी है। इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने एक कड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सूरज चव्हाण को उनके पद से हटा दिया है। यह फैसला महाराष्ट्र के लातूर में अखिल भारतीय छावा संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की घटना के बाद लिया गया। इस मामले के सामने आने के बाद लगातार पार्टी और संगठन पर सवाल उठ रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
20 जुलाई 2025 को लातूर में सूरज चव्हाण और उनके साथियों ने कथित रूप से अखिल भारतीय छावा संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंचा। सूरज चव्हाण अजित पवार के बेहद करीबी माने जाते थे।
जब अजित पवार ने शरद पवार से अलग होकर नई एनसीपी बनाई थी, तब सूरज चव्हाण शुरुआत से ही उनके साथ खड़े नजर आए थे। लेकिन इस बार अजित पवार ने संगठन की छवि और मूल्यों के खिलाफ हुई इस हरकत को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया।
अजित पवार का सख्त संदेश
अजित पवार ने इस मामले को लेकर अपने आधिकारिक X (ट्विटर) अकाउंट पर स्पष्ट रूप से बयान जारी करते हुए कहा, लातूर में हुई बेहद गंभीर और निंदनीय घटना के मद्देनजर, मैंने सूरज चव्हाण को तत्काल उनके पद से इस्तीफा देने का स्पष्ट निर्देश दिया है। पार्टी के मूल्यों के खिलाफ जाकर किया गया कोई भी आचरण किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है, इसलिए यह कठोर निर्णय लिया गया है।'
सिर्फ यही नहीं, अजित पवार ने साफ किया कि उनकी पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा, अभद्र भाषा या अमर्यादित आचरण का समर्थन नहीं करती। उन्होंने लिखा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, महात्मा फुले और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों पर आधारित लोकतंत्र, समानता और बंधुत्व के मूल्यों को मानती है। हम समाज के हर वर्ग की न्यायसंगत मांगों का सम्मान करते हैं और कार्यकर्ताओं से अपेक्षा करते हैं कि वे हमेशा शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलें।'
सुनील तटकरे ने भी जताई थी नाराजगी
इस पूरे विवाद के बीच पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने भी सूरज चव्हाण की हरकत पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि संगठन में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने संकेत दे दिया था कि पार्टी सूरज चव्हाण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही है। इसके बाद अजित पवार ने सूरज चव्हाण को तत्काल मुलाकात के लिए बुलाया और स्पष्ट निर्देश दिया कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
सूरज चव्हाण को हटाए जाने का फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वह अजित पवार के वफादारों में गिने जाते थे। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि अजित पवार अपने संगठन में अनुशासन और मर्यादा को सबसे ऊपर रखते हैं, चाहे वह कितना भी करीबी व्यक्ति क्यों न हो।