लोकसभा में डिप्टी स्पीकर पद को लेकर सियासत तेज हो गई है। फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद का नाम इस पद के लिए चर्चा में है। हालांकि, यूपी सरकार में मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान देकर विपक्ष की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव खुश हो लें, लेकिन जब चरखा दांव चलता है तो चारों खाने चित हो जाते हैं।
राजभर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दलों के बीच अवधेश प्रसाद को डिप्टी स्पीकर बनाए जाने को लेकर सहमति की बात सामने आ रही है। हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से इस पर अभी कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। ओपी राजभर के बयान को विपक्षी खेमे की उम्मीदों पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है।
बृजेश सिंह को लेकर उपजा सियासी सवाल
राजभर ने अवधेश प्रसाद को लेकर दिए बयान के साथ ही मऊ सीट के उपचुनाव को लेकर भी चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, मऊ से सुभासपा विधायक अफजाल अंसारी की विधायकी खत्म हो चुकी है और माना जा रहा है कि इस खाली हुई सीट पर उपचुनाव में सुभासपा बृजेश सिंह को टिकट दे सकती है।
जब इस संबंध में ओम प्रकाश राजभर से पूछा गया कि क्या वे बृजेश सिंह को माफिया मानते हैं, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब तक अदालत किसी को दोषी नहीं ठहरा देती, तब तक हम किसी को अपराधी नहीं कह सकते। अदालत सर्वोच्च है और हम उसी नजरिए से देखते हैं।
वोटर लिस्ट में नाम हो तो मतदाता है
राजभर ने आगे कहा कि अगर किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में है, तो वह एक मतदाता है और कानून के तहत उसके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए। बृजेश सिंह पर दर्ज मुकदमों को लेकर उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों पर केस दर्ज हैं। जब तक कोर्ट में आरोप साबित नहीं होते, तब तक कोई अंतिम राय बनाना सही नहीं है।
ओपी राजभर के इन बयानों से साफ है कि सुभासपा की रणनीति में बृजेश सिंह की भूमिका अहम हो सकती है। वहीं, अवधेश प्रसाद के डिप्टी स्पीकर बनने की संभावना पर दिए उनके बयान ने एक बार फिर यूपी की सियासत को गरमा दिया है। अब देखना होगा कि इन सियासी बयानों का असर आने वाले दिनों की रणनीति पर कितना पड़ता है।