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भारतीय वायुसेना की ताकत में होगा बड़ा इजाफा: रक्षा मंत्रालय खरीदेगा 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट

भारतीय वायुसेना की ताकत में होगा बड़ा इजाफा: रक्षा मंत्रालय खरीदेगा 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट

भारतीय वायुसेना की ताकत में और बढ़ोतरी करने के लिए रक्षा मंत्रालय जल्द ही मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (MTA) की खरीद प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है।

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना (IAF) की रणनीतिक क्षमता और हवाई परिवहन शक्ति में बड़ा इजाफा होने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय जल्द ही लगभग 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (MTA) की खरीद प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। यह खरीद ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत होगी, जिससे न केवल वायुसेना की ताकत बढ़ेगी बल्कि भारत की रक्षा उत्पादन आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) को भी नई दिशा मिलेगी।

सूत्रों के अनुसार, दिसंबर 2025 के अंत तक रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) से इस परियोजना को मंजूरी मिलने की संभावना है। इसके बाद, अगले साल जनवरी में टेंडर प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू की जाएगी।

तीन देशों की कंपनियों के बीच होगी प्रतिस्पर्धा

रक्षा सौदे की दौड़ में तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय विमान निर्माता कंपनियां शामिल हैं —

  • अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) अपने C-130J Super Hercules विमान के साथ प्रतिस्पर्धा में है।
  • ब्राजील की एम्ब्रेयर (Embraer) अपने KC-390 Millennium एयरक्राफ्ट की पेशकश कर रही है।
  • यूरोप की एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (Airbus Defence and Space) ने अपने A400M विमान का प्रस्ताव रखा है।

इन तीनों कंपनियों में टक्कर बेहद कड़ी मानी जा रही है, क्योंकि भारतीय वायुसेना को ऐसे विमानों की जरूरत है जो 18 से 30 टन कार्गो ले जाने में सक्षम हों और विभिन्न युद्धक्षेत्रों में तेजी से तैनाती कर सकें।

‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनेगा उत्पादन केंद्र

यह सौदा ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत किया जाएगा। चयनित कंपनी को भारत में ही एक प्रोडक्शन लाइन स्थापित करनी होगी, ताकि भविष्य में विमानों का निर्माण और मेंटेनेंस यहीं किया जा सके। इस कदम से भारत न केवल विदेशी निर्भरता घटाएगा, बल्कि घरेलू रक्षा विनिर्माण उद्योग को भी मजबूत करेगा। अनुमान है कि इस परियोजना से देश में हजारों रोजगार अवसर पैदा होंगे और रक्षा तकनीक ट्रांसफर (Technology Transfer) को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस टेंडर प्रक्रिया में विदेशी कंपनियों ने भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर बोली लगाई है: लॉकहीड मार्टिन ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) के साथ साझेदारी की है। एम्ब्रेयर ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ मिलकर प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। जबकि एयरबस ने अब तक औपचारिक रूप से अपनी भागीदारी की घोषणा नहीं की है, हालांकि वह पहले से ही भारत में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

गौरतलब है कि एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) भारतीय वायुसेना के लिए 56 C-295 ट्रांसपोर्ट विमान के निर्माण पर ₹21,935 करोड़ के प्रोजेक्ट में साथ काम कर रहे हैं।

भारतीय वायुसेना की जरूरतें 

भारतीय वायुसेना की वर्तमान परिवहन क्षमता में C-17 Globemaster, C-130J Super Hercules, और पुराने An-32 विमान शामिल हैं। इनमें से कई विमान पुराने हो चुके हैं और सीमित कार्गो क्षमता रखते हैं। नई MTA परियोजना के तहत वायुसेना को ऐसे विमान मिलेंगे जो हाई एल्टीट्यूड ऑपरेशन, आपदा राहत, और फॉरवर्ड बेस पर तैनाती जैसी आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगे।

एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के अनुसार, नए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना की लॉजिस्टिक क्षमता को दोगुना कर देंगे और युद्ध या आपदा की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया देने में सहायक होंगे। भारत पिछले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कई बड़े कदम उठा चुका है। स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (Tejas), एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव (Dhruv), और अर्जुन टैंक जैसी परियोजनाओं के बाद अब यह सौदा भारत को ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उत्पादन में भी प्रमुख स्थान दिला सकता है।

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