पैदा कर रहे हैं। खांसी, सांस फूलना और अस्थमा अटैक की घटनाओं में इजाफा हुआ है। डॉक्टर अधिक सावधानी बरतने और मास्क व दवाइयां साथ रखने की सलाह दे रहे हैं।
Asthma Patients Alert: दिल्ली-एनसीआर और देश के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण ने अस्थमा रोगियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बीते कुछ दिनों में अस्पतालों में इन मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। डॉ. दीपक कुमार के अनुसार बच्चे, बुजुर्ग और पहले से अस्थमा से पीड़ित लोग ज्यादा प्रभावित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पीएम2.5 कण फेफड़ों में सूजन और इंफेक्शन पैदा कर रहे हैं, इसलिए मरीजों को मास्क पहनना, दवाइयां साथ रखना और प्रदूषण वाले इलाकों से बचना जरूरी है।
प्रदूषण का असर और अस्थमा मरीजों की बढ़ती परेशानी
दिल्ली-एनसीआर और देश के कई इलाकों में बढ़ते प्रदूषण ने अस्थमा रोगियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। पीएम2.5 जैसे छोटे कण फेफड़ों में जाकर सूजन और इंफेक्शन पैदा कर रहे हैं। इसके कारण लगातार खांसी, सांस फूलना और अस्थमा अटैक की घटनाएं बढ़ रही हैं। बीते कुछ दिनों में अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या noticeably बढ़ गई है।

अस्पतालों में बढ़ती मरीज संख्या और डॉक्टरों की सलाह
सफदरजंग अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉ. दीपक कुमार के अनुसार, मेडिसिन और पल्मोनोलॉजी विभाग में पहले से अस्थमा से पीड़ित मरीजों की संख्या हाल के दिनों में काफी बढ़ गई है। इनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अधिक प्रदूषण वाले इलाकों में अस्थमा मरीजों का स्वास्थ्य और बिगड़ सकता है।
डॉ. कुमार ने बताया कि अस्पताल आने वाले मरीजों का इलाज उनके लक्षणों के अनुसार किया जा रहा है। उन्हें जरूरी सलाह दी जा रही है ताकि उनकी स्थिति बिगड़े नहीं और भविष्य में गंभीर परेशानी से बचा जा सके।
अस्थमा मरीजों के लिए जरूरी सावधानियां
- ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में जाने से बचें।
- दवाएं और इनहेलर हमेशा साथ रखें।
- बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
- सांस लेने में कठिनाई या अचानक अस्थमा अटैक होने पर तुरंत अस्पताल जाएं।
बढ़ता प्रदूषण अस्थमा रोगियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट बन गया है। समय पर सावधानियां अपनाना और डॉक्टरों की सलाह मानना जरूरी है। अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने से यह स्पष्ट है कि लोगों को प्रदूषण और अस्थमा के प्रति सतर्क रहना चाहिए।













