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बिहार चुनाव 2025: सीट बंटवारे में अड़की कांग्रेस की राह, क्या मिलेंगी मनचाही सीटें?

बिहार चुनाव 2025: सीट बंटवारे में अड़की कांग्रेस की राह, क्या मिलेंगी मनचाही सीटें?

बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव। कांग्रेस 70-90 सीटों की मांग पर अड़ी है, लेकिन पिछली हार के चलते राजद उसका विरोध कर रहा है। समझौते की कोशिश जारी है।

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारे पर मंथन तेज़ हो गया है। कांग्रेस ने समन्वय समिति को अपनी पसंदीदा सीटों की सूची सौंप दी है लेकिन पिछले प्रदर्शन को देखते हुए उसके लिए अपनी बात मनवाना आसान नहीं दिख रहा है। पार्टी 70 से 90 सीटों पर दावा कर रही है, लेकिन सहयोगी दल खासकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) इसे लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं।

कांग्रेस ने बांटी सीटें तीन कैटेगरी में

कांग्रेस ने इस बार रणनीति के तहत अपनी संभावित सीटों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है। पहली श्रेणी में वे सीटें हैं, जहां पार्टी ने 2015 और 2020 में जीत हासिल की थी। दूसरी श्रेणी में वे सीटें हैं, जहां उसे भरोसा है कि उसका जनाधार उसके सहयोगियों से अधिक मज़बूत है। तीसरी श्रेणी में ऐसी सीटें रखी गई हैं, जिन्हें वह चुनावी रणनीति के आधार पर महत्वपूर्ण मानती है।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस की यह सूची पूरी तरह से तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित है, लेकिन सहयोगी दलों की राय इससे मेल नहीं खा रही है।

पिछली परफॉर्मेंस बनी कांग्रेस की मुश्किल

महागठबंधन में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसका पिछला प्रदर्शन है। 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 सीटें जीती थीं। यह उस दौर की बात है जब जेडीयू भी महागठबंधन का हिस्सा था। उस समय कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 65% से ऊपर था, जो बेहतर माना गया।

हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में स्थिति बदली। उस चुनाव में राजद ने अनिच्छा के बावजूद कांग्रेस को 70 सीटें दी थीं। लेकिन कांग्रेस इनमें से केवल 19 सीटें ही जीत सकी। यह महागठबंधन के लिए झटका साबित हुआ। परिणामस्वरूप, नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार फिर से सत्ता में लौट आई।

राजद की रणनीति में कांग्रेस कमजोर कड़ी

राजद यह मानती है कि कांग्रेस की कमजोरी ने महागठबंधन की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया। इसलिए इस बार वह सीट बंटवारे में अधिक सतर्क रुख अपना रही है। राजद नेतृत्व की कोशिश है कि कांग्रेस को सीमित संख्या में ही सीटें दी जाएं, ताकि गठबंधन की चुनावी रणनीति मज़बूत बने।

कांग्रेस की तैयारी: झुकने को तैयार नहीं

कांग्रेस इस बार पिछली गलतियों से सीखकर सीट बंटवारे में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रही है। पार्टी चाहती है कि उसे कम से कम 70 से 90 सीटें दी जाएं ताकि वह चुनाव मैदान में मजबूती से उतर सके। इसके लिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार बैठकें कर रहा है।

राहुल गांधी की टीम भी बिहार पर नजर बनाए हुए है और प्रदेश इकाई को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटना है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि अगर पार्टी को पर्याप्त सीटें मिलती हैं तो वह बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

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