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बिहार चुनाव में कॉपी-पेस्ट राजनीति! नीतीश के हर ऐलान पर तेजस्वी ने जताया दावा, जानें समीकरण

बिहार चुनाव में कॉपी-पेस्ट राजनीति! नीतीश के हर ऐलान पर तेजस्वी ने जताया दावा, जानें समीकरण

बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए लोक-लुभावन ऐलानों को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि ये सभी योजनाएं उन्हीं की सोच और नीतियों की नकल हैं।

Bihar Politics: बिहार की सियासत में इस समय आरोप-प्रत्यारोप का दौर अपने चरम पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच क्रेडिट वॉर शुरू हो चुका है। चुनाव से पहले किए जा रहे घोषणाओं पर अब यह बहस छिड़ गई है कि आखिर असली आइडिया किसका है। क्या नीतीश कुमार तेजस्वी यादव की योजनाओं को ही दोहराकर जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं?

नीतीश कुमार के चुनावी ऐलानों की झड़ी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई बड़े लोकलुभावन फैसले लिए हैं। इनमें आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में तीन गुना बढ़ोतरी का ऐलान, फ्री बिजली की सुविधा, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए पेंशन में इजाफा और युवाओं के लिए एक करोड़ नौकरियों का वादा प्रमुख हैं। नीतीश कुमार ने यह भी घोषणा की कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन को बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया जाएगा और इंटर पास युवाओं को इंटर्नशिप के दौरान हर महीने 4000 से 6000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं के फ्रंटलाइन वर्कर्स को राहत

नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आशा और ममता कार्यकर्ताओं का अहम योगदान रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उनके मानदेय में इजाफा किया गया है। आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 1000 से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है जबकि ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव पर अब 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सरकार का कहना है कि यह निर्णय लंबे समय से लंबित था और स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूत करने के लिए जरूरी था।

तेजस्वी यादव का दावा: हमारा आइडिया चुराया गया

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के इन ऐलानों को सीधे-सीधे "कॉपी-पेस्ट" राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब वह बिहार के स्वास्थ्य मंत्री थे, तभी आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, लेकिन एनडीए सरकार ने उस समय उस पर कोई कदम नहीं उठाया। अब जब चुनाव सामने हैं, तो उन्हीं योजनाओं को री-पैकेजिंग करके पेश किया जा रहा है। तेजस्वी का कहना है कि नीतीश सरकार ने सिर्फ उनके आइडिया चुराए हैं और अब उन्हें लागू कर अपनी उपलब्धि बताने की कोशिश कर रही है।

युवाओं और महिलाओं को लेकर भी घमासान

तेजस्वी यादव ने चुनावी वादे के तहत महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने की घोषणा पहले ही कर दी थी। इसके कुछ समय बाद नीतीश कुमार ने सामाजिक पेंशन को बढ़ाने का ऐलान कर दिया। यही नहीं, युवाओं को रोजगार देने का मुद्दा भी दोनों नेताओं के बीच तकरार का विषय बना हुआ है। तेजस्वी का कहना है कि उन्होंने युवाओं को नौकरी देने का वादा पहले किया था और अब नीतीश कुमार उसी लाइन पर चलकर एक करोड़ रोजगार देने की बात कह रहे हैं। इस पर भी तेजस्वी सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि यह सिर्फ चुनावी स्टंट है।

क्या वाकई नीतीश सरकार रीपैकेजिंग में जुटी है?

तेजस्वी यादव का आरोप है कि एनडीए सरकार तेजस्वी की योजनाओं को ही उठाकर दोबारा जनता के सामने रख रही है, ताकि उन्हें चुनाव में लाभ मिल सके। वह कहते हैं कि नीतीश कुमार की सरकार थकी हुई है और अब जब जनता बदलाव चाहती है तो वे विपक्ष की नीतियों को अपनाकर खुद को जनता के पक्ष में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि जो लोग पहले उनकी योजनाओं का मजाक उड़ाते थे, वही अब उन्हें लागू करने को मजबूर हो रहे हैं।

तेजस्वी ने मांगी और मांगों की मंजूरी

तेजस्वी यादव ने कहा कि अब समय आ गया है कि केवल आशा और ममता कार्यकर्ताओं तक सीमित न रहकर सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और स्कूलों की रसोइयों के मानदेय में भी बढ़ोतरी करे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को वाकई जनहित की चिंता है, तो उसे सभी वर्गों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए न कि सिर्फ चुनाव के समय उन्हीं योजनाओं को लागू करना जो पहले विपक्ष ने सुझाई हों।

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