बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा भले ही अभी नहीं हुई हो, लेकिन राजनीतिक सरगर्मियां जोर पकड़ चुकी हैं। इसी क्रम में एक अहम विकास सामने आया है. लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को उत्तर प्रदेश से एक और राजनीतिक दल का खुला समर्थन मिला है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2026 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए एक के बाद एक समर्थन की घोषणाएं हो रही हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बाद अब उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय राजनीतिक दल महान दल ने भी तेजस्वी यादव को खुला समर्थन देने की घोषणा की है। यह ऐलान उस वक्त हुआ है जब बिहार में विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
केशव देव मौर्य बोले: 'तेजस्वी संघर्ष करो, महान दल तुम्हारे साथ है'
महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, तेजस्वी यादव संघर्ष करो, महान दल भी आपके साथ है। इस पोस्ट के साथ उन्होंने तेजस्वी यादव और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का एक संयुक्त वीडियो क्लिप भी साझा किया, जिसमें दोनों नेताओं को विरोध मार्च में भाग लेते देखा जा सकता है।
इससे पहले, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा कर चुके हैं कि बिहार में उनकी पार्टी राजद को पूरी तरह समर्थन देगी।
तेजस्वी का तीखा हमला: चुनाव आयोग बन गया है गोदी आयोग
तेजस्वी यादव ने अपनी ओर से एक आक्रामक पोस्ट करते हुए लिखा था: चुनाव आयोग गोदी आयोग बन गया है। चुनाव आयोग के सहयोग से भाजपा सरकार पहले गरीबों के वोट काटेगी और फिर उनका राशन-पेंशन और आरक्षण खत्म कर, उनके मत का अधिकार भी छीन लेगी। तेजस्वी ने आगे लिखा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और यहां के लोग सजग और संघर्षशील हैं। उन्होंने संकेत दिया कि राजद इस चुनाव को लोकतंत्र की रक्षा के संघर्ष के रूप में लड़ने जा रही है।
गठबंधन की रणनीति
बिहार चुनाव में राजद पहले से ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और वाम दलों के साथ गठबंधन में है। लेकिन अब जिस तरह उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय दल भी समर्थन का ऐलान कर रहे हैं, इससे यह स्पष्ट है कि विपक्षी खेमे को “बाहरी समर्थन” भी मिल रहा है, जो आगामी चुनावों में एक रणनीतिक बढ़त बन सकता है। महान दल का समर्थन भले ही सीटों के लिहाज से ज्यादा प्रभावी न लगे, लेकिन यह विपक्षी एकता का “मनोवैज्ञानिक और सियासी संदेश” जरूर देता है कि भाजपा के खिलाफ खड़ा गठबंधन सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के नेता भी इस संघर्ष का हिस्सा बनने को तैयार हैं।
तेजस्वी यादव और कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने हाल ही में बिहार बंद का ऐलान किया, जिसमें अन्य विपक्षी पार्टियां भी शामिल रहीं। उनका आरोप है कि निर्वाचन आयोग निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है और केंद्र की सत्ताधारी भाजपा के लिए “सुविधाजनक संस्था” बन गया है।