मनीष कश्यप आज पटना में जन सुराज पार्टी में शामिल होंगे। प्रशांत किशोर और उदय सिंह की मौजूदगी में सदस्यता लेंगे। चनपटिया सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की करेंगे घोषणा।
Bihar Election: बिहार के चर्चित यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कश्यप अब प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली पार्टी जन सुराज से अपनी राजनीतिक यात्रा को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। आज यानी 7 जुलाई को पटना के बापू सभागार में आयोजित डिजिटल योद्धा समागम कार्यक्रम के दौरान वह आधिकारिक रूप से जन सुराज की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
इसकी पुष्टि खुद मनीष कश्यप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रशांत किशोर और जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह के साथ तस्वीरें साझा करते हुए की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "बुझी हुई आश जलाएंगे हम, घर-घर रौशनी पहुंचाएंगे हम... पलायन का दर्द मिटाएंगे हम, फिर से नया बिहार बनाएंगे हम।"
बीजेपी से दूरी बना चुके हैं मनीष
मनीष कश्यप ने 8 जून को फेसबुक लाइव के माध्यम से यह एलान किया था कि वह अब भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य नहीं हैं। उन्होंने बीते लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की सदस्यता ली थी, लेकिन कुछ ही महीनों में पार्टी से दूरी बना ली। बीजेपी छोड़ने के बाद से ही उनके अगले राजनीतिक कदम को लेकर चर्चा तेज थी, जिस पर अब विराम लग गया है।
जन सुराज में क्यों शामिल हुए मनीष कश्यप
मनीष ने साफ किया है कि उनका उद्देश्य बिहार को नई दिशा देना और आम लोगों की समस्याओं के लिए जमीनी स्तर पर लड़ना है। वह लंबे समय से पलायन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को सोशल मीडिया के माध्यम से उठाते रहे हैं। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी इन ही मुद्दों पर फोकस कर रही है, यही कारण है कि दोनों की विचारधारा का मेल हुआ।
जन सुराज की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 10 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया है। यह इवेंट पार्टी के डिजिटल योद्धाओं को सम्मानित करने और आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए संगठनात्मक ताकत दिखाने का भी अवसर है।
चनपटिया से चुनाव लड़ने की तैयारी
त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में चनपटिया विधानसभा सीट से मैदान में उतरेंगे। उन्होंने हाल ही में चनपटिया क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और स्थानीय मुद्दों को उठाना शुरू कर दिया है।
हाल ही में उन्होंने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों को चनपटिया की निर्माणाधीन सड़क की खामियां दिखाईं और सात दिन के भीतर सुधार की मांग की। यह सक्रियता उनके चुनावी इरादों की पुष्टि करती है।
2020 में भी आजमाया था चुनावी मैदान
मनीष कश्यप ने 2020 के विधानसभा चुनाव में भी चनपटिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उस समय उन्हें नौ हजार से अधिक वोट मिले थे। हालांकि वह जीत नहीं पाए, लेकिन इतनी संख्या में मिले वोटों ने उनके सामाजिक प्रभाव और जन समर्थन का संकेत जरूर दिया।
चनपटिया विधानसभा सीट को एनडीए और विशेष रूप से बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। ऐसे में मनीष का इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ना चुनौतीपूर्ण तो होगा, लेकिन जन सुराज के साथ जुड़ने के बाद उनके पास एक संगठित प्लेटफॉर्म और रणनीतिक सहयोग भी होगा।