पप्पू यादव ने वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने 9 जुलाई को बिहार बंद और आयोग का घेराव करने की घोषणा की। साथ ही हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया है।
Bihar News: पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने 9 जुलाई को बिहार बंद और चुनाव आयोग के घेराव का ऐलान किया है। उनका कहना है कि एनडीए सरकार गरीबों, दलितों और पिछड़ों के वोटिंग अधिकार छीन रही है। इस मुद्दे को लेकर वह हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
बिहार बंद और सड़कों पर उतरने का एलान
पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने 9 जुलाई को बिहार बंद की घोषणा करते हुए कहा है कि वह राज्यभर में सड़कों को जाम करेंगे और चुनाव आयोग के कार्यालय का घेराव करेंगे। उन्होंने इसे गरीबों और कमजोर तबकों के खिलाफ साजिश बताया है। पप्पू यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की और कहा कि वह हाई कोर्ट में इस मामले पर जनहित याचिका दाखिल करेंगे।
वोटर लिस्ट रिवीजन पर गंभीर आरोप
पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार गरीबों, दलितों और अति पिछड़े वर्गों से उनका संवैधानिक अधिकार – वोट देने का अधिकार – छीन रही है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है और इसका विरोध पूरे राज्य में किया जाएगा। उनके अनुसार, चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रहा है और वोटर लिस्ट रिवीजन की आड़ में कुछ तबकों को जानबूझकर हटाया जा रहा है।
"मुझे मरना मंजूर, लेकिन बिहारियों का हक नहीं जाने दूंगा"
पप्पू यादव ने भावुक होते हुए कहा कि उन्हें मरना मंजूर है लेकिन बिहारियों के अधिकार को कोई छीन ले, यह उन्हें स्वीकार नहीं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ चुनाव नहीं बल्कि आम लोगों के अस्तित्व की लड़ाई है। उनका दावा है कि सरकार चुनावी प्रक्रिया में छेड़छाड़ कर रही है जिससे कमजोर वर्गों की आवाज दबाई जा सके।
नीतीश सरकार पर भी साधा निशाना
पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान आम जनता को लाइन में खड़ा किया गया और अब वोटबंदी के नाम पर शिक्षकों और कर्मचारियों को धमकी दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीचरों को वोटर लिस्ट रिवीजन में जबरन शामिल किया जा रहा है और सस्पेंशन की धमकी दी जा रही है।
चुनाव आयोग को बताया आरएसएस का दफ्तर
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग को आरएसएस का कार्यालय बताते हुए कहा कि यह संस्था अब निष्पक्ष नहीं रही। उन्होंने कहा कि आरएसएस के इशारे पर वोटर लिस्ट तैयार की जा रही है और इसे लोकतंत्र का मजाक करार दिया। उनके अनुसार, पहले नोटबंदी के नाम पर आम लोगों का पैसा छीना गया और अब वोटबंदी के नाम पर अधिकार छीने जा रहे हैं।
भारत के नागरिकों से सबूत मांगे
सांसद ने सवाल उठाया कि बिहार के नागरिकों को अब अपने नागरिक होने का सबूत देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 326 हर नागरिक को वोट देने का अधिकार देता है, लेकिन अब बिहारियों से यह साबित करने को कहा जा रहा है कि वे नेपाल या बांग्लादेश से नहीं हैं। उन्होंने इसे गहरी साजिश बताया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पप्पू यादव ने महाराष्ट्र में हिंदीभाषी लोगों के साथ हो रहे अन्याय का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार, यूपी और झारखंड के लोगों का लगातार अपमान किया जा रहा है।