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Guru Nanak Jayanti 2025: बड़े स्तर पर मनाए जाने वाले भारत के गुरुद्वारे

Guru Nanak Jayanti 2025: बड़े स्तर पर मनाए जाने वाले भारत के गुरुद्वारे

गुरु नानक जयंती 2025, 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाएगी। यह सिख धर्म का सबसे बड़ा पर्व है, जिसमें देशभर के प्रमुख गुरुद्वारों में कीर्तन, अखंड पाठ, सेवा और लंगर का आयोजन होता है। हजूर साहिब, बंगला साहिब, हरमंदिर जी और तख्त श्री दमदमा साहिब जैसे गुरुद्वारे इस अवसर पर भव्य सजावट और कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध हैं।

Guru Nanak Jayanti: इस साल 5 नवंबर, कार्तिक पूर्णिमा के दिन, भारतभर में गुरु नानक जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। यह सिख धर्म का प्रमुख पर्व है और प्रमुख गुरुद्वारों जैसे हजूर साहिब (नांदेड़), बंगला साहिब (दिल्ली), हरमंदिर जी (पटना) और तख्त श्री दमदमा साहिब (पंजाब) में विशेष कीर्तन, अखंड पाठ, लंगर और सेवा के कार्यक्रम आयोजित होंगे। श्रद्धालु इस अवसर पर धार्मिक भक्ति के साथ सामाजिक सेवा और आध्यात्मिक अनुभव भी प्राप्त करते हैं।

गुरु नानक जयंती का महत्व

गुरु नानक जयंती 5 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाएगी। यह सिख धर्म का सबसे बड़ा पर्व है और इस दिन देशभर के गुरुद्वारों में विशेष आयोजन होते हैं। गुरुद्वारे कीर्तन, अखंड पाठ, सेवा और लंगर के माध्यम से श्रद्धालुओं को जोड़ते हैं और समाज में भक्ति एवं समानता का संदेश फैलाते हैं।

प्रमुख गुरुद्वारे और उनके आयोजन

1. गुरुद्वारा हजूर साहिब, नांदेड़
महाराष्ट्र स्थित हजूर साहिब उस स्थान पर है, जहां गुरु गोबिंद सिंह जी ने देह त्यागी थी। गुरु पर्व के दिन यहां अखंड पाठ, शोभा यात्रा और कीर्तन दरबार आयोजित होते हैं। परिसर को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है, और देशभर से श्रद्धालु इस भव्य आयोजन में भाग लेते हैं।

2. गुरुद्वारा बंगला साहिब, दिल्ली
राजधानी दिल्ली में स्थित यह गुरुद्वारा गुरु पर्व पर अद्भुत रूप से सजाया जाता है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां गुरु बाणी के अखंड पाठ, लंगर और सेवा में शामिल होती है। सन 1664 में गुरु हरकृष्ण देव के सम्मान में इसका निर्माण हुआ था। दिल्ली-एनसीआर के लोग इसे प्रमुख उत्सव स्थल मानते हैं।

3. गुरुद्वारा हरमंदिर जी, पटना
पंजाब के पांच पवित्र तख्तों में से एक, पटना स्थित हरमंदिर जी भी गुरु नानक जयंती पर भव्य आयोजन का केंद्र बनता है। भक्त यहां गुरु पर्व में शामिल होकर पवित्र ग्रंथों का पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

4. तख्त श्री दमदमा साहिब, पंजाब
सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक और इतिहासिक महत्व वाला यह स्थल, दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा है। सन 1705 में यहां गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ पूरा हुआ था। गुरु पर्व के मौके पर यहां भी कीर्तन, सेवा और लंगर का आयोजन होता है, और श्रद्धालु इस भव्यता का अनुभव करने पहुंचते हैं।

गुरु पर्व में शामिल होने के लाभ

गुरु नानक जयंती न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और सेवा भाव का संदेश भी देती है। देशभर के गुरुद्वारों में लंगर और सेवा के आयोजन से समाज में समानता और सहयोग की भावना मजबूत होती है। श्रद्धालु धार्मिक ज्ञान और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं।

Guru Nanak Jayanti 2025 भारतभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाएगी। प्रमुख गुरुद्वारे जैसे हजूर साहिब, बंगला साहिब, हरमंदिर जी और तख्त श्री दमदमा साहिब इस पर्व को भव्य बनाते हैं। श्रद्धालुओं को सुझाव दिया जाता है कि वे अपने निकटतम गुरुद्वारे में शामिल होकर इस पर्व की आध्यात्मिक और सामाजिक महत्ता का अनुभव करें।

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