भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु के लिए हांगकांग ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट की शुरुआत निराशाजनक रही। टूर्नामेंट के पहले दौर में उन्हें डेनमार्क की लाइन क्रिस्टोफरसन से 3 सेट तक चले मुकाबले में 2-1 से हार का सामना करना पड़ा और उनका सफर यहीं समाप्त हो गया।
स्पोर्ट्स न्यूज़: हांगकांग ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारत की स्टार महिला खिलाड़ी पीवी सिंधु की शुरुआत निराशाजनक रही और उनका सफर पहले ही दौर में समाप्त हो गया। राउंड 32 में भारतीय महिला टीम के लिए पहला मुकाबला डेनमार्क की लाइन क्रिस्टोफरसन से खेला गया, जो तीन सेटों तक चला। इस कठिन मुकाबले में सिंधु को 2-1 से हार का सामना करना पड़ा।
पहले सेट में बढ़त, लेकिन अंत में हार
महिला सिंगल्स के पहले दौर में पीवी सिंधु ने शानदार शुरुआत की। उन्होंने पहले सेट में लाइन क्रिस्टोफरसन को 21-15 से हराकर बढ़त बनाई। ऐसा लगा कि सिंधु अपने अनुभव और आक्रामक खेल से मुकाबला अपने पक्ष में कर लेंगी। लेकिन दूसरे सेट में डेनमार्क की खिलाड़ी ने बेहतरीन वापसी की और 21-16 से सेट जीतकर स्कोर 1-1 की बराबरी पर ला दिया।
निर्णायक तीसरे सेट में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। हर अंक के लिए संघर्ष चलता रहा, लेकिन अंत में लाइन क्रिस्टोफरसन ने 21-19 से मैच अपने नाम कर लिया। सिंधु का शानदार खेल अंत तक जारी रहा, लेकिन निर्णायक क्षणों में उनका खेल डेनमार्क की खिलाड़ी से पीछे रह गया।
सिंधु की हार से बड़ा झटका
पीवी सिंधु का हारना भारतीय बैडमिंटन प्रेमियों के लिए निराशाजनक है। सिंधु, जो ओलंपिक पदक विजेता और विश्व की टॉप खिलाड़ियों में शामिल हैं, ने अब तक इस सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया था। उनके फॉर्म को लेकर उम्मीदें थीं कि वे हांगकांग ओपन में शानदार प्रदर्शन करेंगी। लेकिन पहले ही दौर में बाहर होना उनके लिए बड़ी चुनौती है।
इस हार के बावजूद खेल विशेषज्ञों का मानना है कि सिंधु के पास अनुभव और तकनीक की कोई कमी नहीं है। उन्हें अगले टूर्नामेंट्स में वापसी करने का पूरा मौका मिलेगा। मानसिक मजबूती और रणनीति में बदलाव से वे फिर से अपने खेल में धार ला सकती हैं।
पीवी सिंधु के अलावा भारत के अन्य खिलाड़ी हांगकांग ओपन में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। लक्ष्य सेन, एचएस प्रणॉय और किरन जॉर्ज ने अपने-अपने मुकाबले जीतकर राउंड ऑफ 16 में जगह बना ली है। लक्ष्य सेन की तेज़ रफ्तार और आक्रामक खेल ने विरोधियों को परेशान किया। वहीं एचएस प्रणॉय ने संयम और तकनीकी दक्षता का बेहतरीन प्रदर्शन किया।