हार्ट डिजीज अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं, बल्कि युवा और बच्चों में भी बढ़ रही है। आम हार्ट की पांच बीमारियों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक, अरिदमिया, हार्ट फेल्योर और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हैं। समय पर पहचान, हेल्दी लाइफस्टाइल और नियमित चेकअप से इनके जोखिम को कम किया जा सकता है।
Heart diseases: भारत और दुनियाभर में हार्ट डिजीज तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बन रही है, जो जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। BLK-मैक्स हॉस्पिटल के डॉ. टी.एस. क्लेर के अनुसार आम हार्ट बीमारियों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक, अरिदमिया, हार्ट फेल्योर और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हैं। युवा, बुजुर्ग और महिलाएं, विशेषकर मेनोपॉज़ के बाद, इन बीमारियों के खतरे में हैं। समय पर पहचान, संतुलित आहार, एक्सरसाइज और नियमित चेकअप जरूरी हैं।
हार्ट डिजीज का बढ़ता खतरा
हार्ट डिजीज का खतरा उन लोगों में अधिक होता है, जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है। जिन परिवारों में पहले से हार्ट डिजीज का इतिहास रहा हो, उनमें यह जोखिम और बढ़ जाता है। स्मोकिंग, अल्कोहल का सेवन, मानसिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी वाले युवा भी अब इस समस्या का सामना कर रहे हैं। शहरों में अस्वस्थ खानपान, जंक फूड और नींद की कमी भी हार्ट डिजीज का बड़ा कारण बन रही हैं। महिलाएं, खासतौर पर मेनोपॉज़ के बाद, हार्मोनल बदलावों के कारण इस बीमारी की शिकार हो सकती हैं।
हार्ट में होने वाली 5 आम बीमारियां
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD): BLK-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. टी. एस. क्लेर के अनुसार, इस बीमारी में हार्ट की नसें ब्लॉक या संकरी हो जाती हैं। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना, थकान और कभी-कभी जबड़े या बाजू में दर्द शामिल हैं।
- हार्ट अटैक: हार्ट अटैक तब होता है जब हार्ट को खून पहुंचाने वाली नस पूरी तरह ब्लॉक हो जाती है। इसके लक्षण अचानक सीने में तेज दर्द, पसीना आना, मतली, बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ के रूप में दिखाई देते हैं।
- अरिदमिया (हार्ट रिदम की गड़बड़ी): इस स्थिति में हार्ट की धड़कन असामान्य हो जाती है। मरीज को धड़कन महसूस होना, चक्कर आना, थकान और कभी-कभी बेहोशी जैसी शिकायत हो सकती है।
- हार्ट फेल्योर: हार्ट फेल्योर तब होता है जब हार्ट शरीर को पर्याप्त खून नहीं पहुंचा पाता। इसके लक्षणों में लगातार थकान, पैरों में सूजन, सांस फूलना और लेटने पर तकलीफ होना शामिल है।
- हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन): हाई ब्लड प्रेशर को 'साइलेंट किलर' कहा जाता है क्योंकि लंबे समय तक इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते। यह धीरे-धीरे नसों को नुकसान पहुंचाता है और हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी डिजीज का खतरा बढ़ा देता है। कई लोगों को इसका पता रूटीन चेकअप में ही चलता है। सिरदर्द, चक्कर आना, थकान और कभी-कभी सांस फूलना इसके संकेत हो सकते हैं।
हार्ट डिजीज से बचाव के उपाय
- रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
- फल, सब्ज़ियां और फाइबर से भरपूर पौष्टिक आहार लें।
- स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाए रखें।
- ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएं।
- तनाव कम करने के लिए योग या मेडिटेशन अपनाएं।
- पर्याप्त नींद लें और शरीर को आराम दें।
अगर अचानक किसी प्रकार के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।