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हिमाचल प्रदेश में उच्च वेतनमान वापस लेने पर बवाल, कर्मचारियों ने दी पैन डाउन स्ट्राइक की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश में उच्च वेतनमान वापस लेने पर बवाल, कर्मचारियों ने दी पैन डाउन स्ट्राइक की चेतावनी

हिमाचल सरकार ने पूर्व जयराम सरकार द्वारा दिए गए उच्च वेतनमान का फैसला वापस ले लिया। इससे 89 श्रेणियों के कर्मचारियों को हर महीने 10 से 15 हजार रुपये का नुकसान होगा। नाराज़ कर्मचारियों ने पैन डाउन स्ट्राइक की चेतावनी दी है।

Shimla: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उच्च वेतनमान (Higher Pay Scale) को वापस लेने के फैसले ने राज्यभर के कर्मचारियों में गहरी नाराज़गी पैदा कर दी है। यह लाभ पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार के कार्यकाल में दिया गया था। अब इस फैसले को रद्द करने से कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मासिक आय पर सीधा असर पड़ेगा। करीब 89 श्रेणियों के कर्मचारियों को प्रतिमाह 10 हजार से 15 हजार रुपये तक का नुकसान होगा।

राज्य सरकार ने वित्त विभाग के माध्यम से अधिसूचना (notification) जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि उच्च वेतनमान का लाभ अब समाप्त कर दिया गया है। विभागों को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारियों का पुनः वेतन निर्धारण किया जाए। हालांकि सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस अवधि में कर्मचारियों को जो राशि दी गई है उसकी रिकवरी नहीं होगी।

विरोध की तैयारी में कर्मचारी संगठन

अधिसूचना जारी होते ही हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक की अध्यक्षता संगठन के पदाधिकारियों ने की और निर्णय लिया गया कि 8 सितंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्य सचिव और प्रधान सचिव वित्त से मुलाकात कर इस फैसले का विरोध जताया जाएगा। कर्मचारियों की मांग है कि यह संशोधन तुरंत वापस लिया जाए अन्यथा राज्यभर में आंदोलन तेज़ किया जाएगा।

बैठक में मौजूद वरिष्ठ नेताओं का कहना था कि यह फैसला कर्मचारियों के साथ अन्याय है। संगठन के अतिरिक्त महासचिव कमल कृष्ण शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान रमन शर्मा, संयुक्त सचिव हुकम सिंह हुक्की और कोषाध्यक्ष रामपाल समेत कई पदाधिकारी बैठक में उपस्थित रहे। सभी का मानना था कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर विपरीत असर न पड़े।

89 श्रेणियों के कर्मचारियों को सीधा नुकसान

सरकार के इस निर्णय का असर प्रदेश की 89 श्रेणियों के कर्मचारियों पर पड़ेगा। यह वही श्रेणियाँ हैं जिन्हें जयराम ठाकुर सरकार ने 6 सितंबर 2022 की अधिसूचना के तहत उच्च वेतनमान का लाभ दिया था। शर्त यह थी कि जिन कर्मचारियों की नियुक्ति 3 जनवरी 2022 से पहले हुई है और उन्होंने दो साल का नियमित कार्यकाल पूरा कर लिया है, वे इस लाभ के हकदार होंगे।

अब नए संशोधन के बाद यह लाभ समाप्त कर दिया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि इस वजह से उन्हें हर महीने 10 से 15 हजार रुपये का नुकसान होगा। यह राशि उनके लिए बेहद अहम है क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है और घरेलू बजट पर दबाव बना हुआ है।

Employees Union की सख्त चेतावनी

निदेशालय भू-अभिलेख अराजपत्रित कर्मचारी यूनियन की प्रधान सृष्टि चौहान ने निदेशक लैंड रिकॉर्ड अभिषेक वर्मा को ज्ञापन सौंपा है। यूनियन ने साफ चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 8 सितंबर तक संशोधन वापस नहीं लिया तो कर्मचारी पैन डाउन स्ट्राइक (Pen Down Strike) पर जाएंगे। इसका सीधा असर सरकारी दफ्तरों के कामकाज पर पड़ेगा।

यूनियन का कहना है कि यह फैसला सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है। कर्मचारियों को पहले लाभ देना और फिर उसे वापस लेना उनकी विश्वासनीयता पर चोट करता है। यदि सरकार ने कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं कीं तो विरोध की आग पूरे प्रदेश में फैल जाएगी।

CM को पत्र लिखकर दर्ज कराई आपत्ति

संयुक्त पटवारी व कानूनगो एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रदेश महासचिव चंद्र मोहन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले पर आपत्ति जताई है। संघ ने कहा है कि यदि निर्णय वापस नहीं लिया गया तो 8 सितंबर से पैन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी जाएगी। संगठन का मानना है कि वित्त विभाग द्वारा किया गया यह संशोधन अन्यायपूर्ण है और इससे हजारों कर्मचारियों की आजीविका प्रभावित होगी।

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