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Income Tax Return Filing की आखिरी तारीख करीब, ऐसे करें सही फाइलिंग की जांच

Income Tax Return Filing की आखिरी तारीख करीब, ऐसे करें सही फाइलिंग की जांच

AY 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। अगर रिटर्न गलत या अधूरा है तो रिफंड अटक सकता है। ITR की स्थिति चेक करने के लिए ITR-V, फाइलिंग स्टेटस, बैंक डिटेल्स, रिफंड ट्रैकिंग, Form 26AS और AIS मिलान, कटौतियां और धारा 143(1) की इंटिमेशन जरूर देखें।

Income Tax: आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर नजदीक है। टैक्स विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अंतिम समय तक इंतजार करना जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं। अगर आपने ITR फाइल कर दिया है तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह सही और पूर्ण है। इसके लिए ITR-V एक्नॉलेजमेंट, ई-वेरिफिकेशन स्टेटस, बैंक डिटेल्स, Form 26AS व AIS का मिलान और धारा 143(1) की इंटिमेशन चेक करना बेहद जरूरी है, ताकि रिफंड में देरी या नोटिस जैसी परेशानी से बचा जा सके।

ITR-V से करें पुष्टि

रिटर्न भरने के बाद इनकम टैक्स पोर्टल पर एक एक्नॉलेजमेंट फॉर्म यानी ITR-V जनरेट होता है। यह दस्तावेज इस बात का सबूत है कि आपका रिटर्न जमा हो गया है। इसे डाउनलोड करके उसमें अपना पैन नंबर, असेसमेंट ईयर, फाइलिंग की तारीख और रिटर्न स्टेटस जरूर देखें। अगर यह जानकारी मेल खाती है तो रिटर्न सही तरीके से सबमिट हुआ माना जाएगा।

फाइलिंग स्टेटस चेक करना जरूरी

पोर्टल पर लॉगिन करके फाइलिंग स्टेटस देख सकते हैं। इसमें 'Successfully e-Verified' या 'ITR Filed and Pending Verification' लिखा होना चाहिए। अगर पेंडिंग वेरिफिकेशन दिख रहा है तो 30 दिन के भीतर इसे पूरा करना जरूरी है। वेरिफिकेशन आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग, डिमैट अकाउंट या साइन किया हुआ ITR-V सीपीसी बेंगलुरु भेजकर किया जा सकता है। बिना ई-वेरिफिकेशन आपका रिटर्न अमान्य हो जाएगा।

आयकर विभाग से मिलने वाला रिफंड सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होता है। ऐसे में बैंक की जानकारी बिल्कुल सही दर्ज होना जरूरी है। अकाउंट नंबर, IFSC कोड और बैंक का नाम सही है या नहीं, यह जांच लें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेटेड और ई-वेरिफाइड हो। गलत डिटेल्स होने पर रिफंड फंस सकता है।

रिफंड की स्थिति पर रखें नजर

अगर आपने अपने रिटर्न में रिफंड क्लेम किया है तो उसकी स्थिति जानना भी जरूरी है। इसके लिए NSDL पोर्टल या आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रिफंड स्टेटस ट्रैक किया जा सकता है। अगर रिफंड समय पर नहीं मिल रहा है तो इसका कारण बैंक डिटेल्स में गड़बड़ी या रिटर्न में कोई त्रुटि हो सकती है।

Form 26AS और AIS मिलाना न भूलें

फॉर्म 26AS और AIS में आपकी पूरी टैक्स जानकारी होती है। इसमें टीडीएस, एडवांस टैक्स और अन्य आय की डिटेल्स दर्ज होती हैं। इन्हें अपने ITR में दी गई जानकारी से मिलाना जरूरी है। अगर कोई गड़बड़ी है तो विभाग से नोटिस आ सकता है या फिर आपका रिफंड रोका जा सकता है।

कटौतियों की जांच करें

अक्सर टैक्सपेयर्स ITR भरते समय कटौतियों का सही क्लेम नहीं कर पाते। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि आपने 80C, 80D जैसी टैक्स कटौतियों और HRA जैसी छूट को सही तरीके से शामिल किया है या नहीं। अगर यह जानकारी गलत या अधूरी हुई तो आपका टैक्स कैलकुलेशन बिगड़ सकता है।

रिटर्न प्रोसेस होने के बाद आयकर विभाग आपके ईमेल पर धारा 143(1) के तहत एक इंटिमेशन भेजता है। इसमें आपकी फाइलिंग और विभाग के रिकॉर्ड की तुलना की जाती है। अगर सब कुछ सही है तो इसकी पुष्टि हो जाती है। लेकिन अगर अंतर पाया जाता है तो उसमें डिमांड या रिफंड एडजस्टमेंट का जिक्र होता है।

आखिरी समय में हो सकती है दिक्कत

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे-जैसे आखिरी तारीख नजदीक आती है, पोर्टल पर लोड बढ़ जाता है और तकनीकी दिक्कतें आने लगती हैं। ऐसे में समय रहते यह सुनिश्चित कर लेना जरूरी है कि आपका ITR सही तरीके से फाइल और ई-वेरिफाई हो चुका है। रिटर्न की हर डिटेल चेक करने के बाद ही चैन से बैठना बेहतर है।

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