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International Waterfall Day — प्रकृति के अद्भुत झरनों को जानिए, सराहिए और बचाइए

International Waterfall Day — प्रकृति के अद्भुत झरनों को जानिए, सराहिए और बचाइए

हर साल 16 जून को मनाया जाने वाला इंटरनेशनल वॉटरफॉल डे यानी अंतर्राष्ट्रीय जलप्रपात दिवस, हमें प्रकृति के एक अनमोल खजाने की याद दिलाता है—झरने। ये झरते हुए जलप्रवाह केवल देखने में खूबसूरत नहीं होते, बल्कि ये हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद जरूरी भी हैं।

जब आप किसी ऊंचाई से गिरते हुए पानी की आवाज सुनते हैं और उसके आसपास की ठंडी फुहारें महसूस करते हैं, तो मन स्वतः ही शांत हो जाता है। यह दिन हमें आमंत्रित करता है कि हम कुछ पल रुकें, झरनों की सुंदरता को निहारें और उनके महत्व को समझें।

झरने क्यों होते हैं खास?

झरने किसी नदी या जलधारा का वह हिस्सा होते हैं जहां पानी एक ऊंचाई से गिरता है। यह गिरता हुआ पानी न केवल देखने में सुंदर होता है, बल्कि ये पर्यावरण के लिए भी बेहद जरूरी भूमिका निभाता है:

  • स्वच्छ जल का स्रोत: कई समुदायों के लिए झरनों से निकलने वाला जल पीने और खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • वन्यजीवों का सहारा: झरनों के आसपास की नमी और वनस्पति अनेक जीवों के लिए जरूरी आवास बनाती है।
  • पर्यटन और रोजगार: झरने आकर्षक पर्यटन स्थल होते हैं जो स्थानीय लोगों को आजीविका का साधन प्रदान करते हैं।
  • ऊर्जा स्रोत: कई जगह झरनों के पानी से जल विद्युत भी उत्पन्न की जाती है।

कैसे मनाएं इंटरनेशनल वॉटरफॉल डे?

1. पास के किसी झरने की यात्रा करें

  • यदि आपके आसपास कोई प्राकृतिक झरना है तो 16 जून को वहां की सैर जरूर करें।
  • सुबह-सुबह जाएं ताकि शांति का अनुभव कर सकें
  • कुछ समय वहां बैठें, प्रकृति से जुड़ने की कोशिश करें
  • फोटो खींचें, लेकिन कचरा न फैलाएं
  • झरने की आवाज में ध्यान (Meditation) करने की कोशिश करें

2. घर से जुड़ें झरनों से

  • यदि बाहर जाना संभव न हो, तो यूट्यूब या नेटफ्लिक्स पर सुंदर झरनों की डॉक्यूमेंट्री देखें।
  • नैचुरल साउंड वाले वीडियो देखें, इससे तनाव भी कम होगा
  • वॉटरफॉल साउंड को बैकग्राउंड में लगाकर पढ़ाई या योग करें

3. संरक्षण कार्यों में मदद करें

  • आप चाहे घर पर हों या बाहर, झरनों को बचाने की जिम्मेदारी हमारी है।
  • उन संगठनों को दान करें जो ताजे पानी के स्रोत और जंगलों की रक्षा करते हैं
  • आप झरने की सफाई में हिस्सा ले सकते हैं
  • ऑनलाइन कैंपेन के जरिए जागरूकता फैलाएं

4. सोशल मीडिया पर झरनों की कहानियां शेयर करें

  • अपनी किसी यात्रा की तस्वीर, वीडियो या अनुभव इंस्टाग्राम, फेसबुक या ट्विटर पर साझा करें।
  • लोगों को प्रेरित करें कि वो भी झरनों को करीब से जानें
  • यह बताएं कि झरनों को सुरक्षित रखना क्यों जरूरी है
  • हैशटैग #InternationalWaterfallDay का इस्तेमाल करें

5. आर्ट या कविता के ज़रिए जुड़ें

आप चाहें तो झरनों की खूबसूरती को पेंटिंग, स्केच या कविता के ज़रिए भी व्यक्त कर सकते हैं।

  • एक छोटी सी कविता लिखें: 'गिरता जल, लहराता जीवन'
  • बच्चों को झरनों के बारे में जानकारी दें और उन्हें चित्र बनाने के लिए प्रेरित करें

इस दिन की शुरुआत कैसे हुई?

इंटरनेशनल वॉटरफॉल डे की शुरुआत 2020 में अमेरिका के न्यूयॉर्क के Bob Matthews ने की थी। जब कोविड महामारी के कारण बाहर घूमना मना था, तब उन्होंने और उनकी पत्नी ने सोचा कि झरनों के लिए एक खास दिन होना चाहिए। उन्होंने इस दिन की नींव इसलिए रखी ताकि लोग प्रकृति के इन अद्भुत चमत्कारों को समझें और सराहें।

बॉब का मानना था कि अगर लोग झरनों से भावनात्मक जुड़ाव महसूस करेंगे, तो वे इन्हें बचाने के लिए कदम भी उठाएंगे। उनके इस प्रयास को दुनियाभर के लोगों का समर्थन मिला और आज ये दिन एक वैश्विक उत्सव बन चुका है।

झरनों का भविष्य हमारे हाथ में है

हमारे देश में भी उत्तराखंड, हिमाचल, केरल, मेघालय जैसे कई राज्यों में खूबसूरत झरने हैं, लेकिन पर्यावरणीय असंतुलन और मानवीय हस्तक्षेप से ये खतरे में हैं।

  • वनों की कटाई से झरनों का जलस्तर घट रहा है
  • प्लास्टिक और कचरे से इनकी सुंदरता और शुद्धता नष्ट हो रही है
  • जलवायु परिवर्तन भी इन पर असर डाल रहा है

इसलिए इंटरनेशनल वॉटरफॉल डे सिर्फ एक सेलिब्रेशन नहीं, बल्कि जिम्मेदारी उठाने का दिन भी है।

आइए, 16 जून को इंटरनेशनल वॉटरफॉल डे के मौके पर हम सब मिलकर झरनों को जानें, सराहें और उनकी रक्षा का संकल्प लें। चाहे आप झरने तक जा सकें या बस एक वीडियो ही देख पाएं—प्रकृति से जुड़ाव की यह कोशिश आने वाली पीढ़ियों के लिए वरदान बन सकती है।

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