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IPO सीजन 2.0 की शुरुआत: 2025 के दूसरे हाफ में शेयर बाजार में दर्जनों कंपनियों की एंट्री

IPO सीजन 2.0 की शुरुआत: 2025 के दूसरे हाफ में शेयर बाजार में दर्जनों कंपनियों की एंट्री

2025 की शुरुआत में भले ही शेयर बाजार कुछ धीमा रहा हो, लेकिन अब माहौल में तेजी लौटती दिख रही है। मर्चेंट बैंकरों और मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, साल के दूसरे हिस्से में आईपीओ मार्केट में जबरदस्त हलचल देखने को मिल सकती है। अगले तीन से छह महीनों में दर्जनों कंपनियां शेयर बाजार में दस्तक देने को तैयार हैं। विशेषज्ञ इस संभावित तेजी को “IPO सीजन 2.0” कह रहे हैं, जो निवेशकों को मुनाफे के नए मौके दे सकता है।

IPO मार्केट में दिखा भरोसे की वापसी का संकेत

साल की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति जैसे वैश्विक और घरेलू कारणों से बाजार में अस्थिरता बनी हुई थी। लेकिन अब भू-राजनीतिक तनाव में कमी, सेकेंडरी मार्केट में स्थिरता और घरेलू निवेशकों के उत्साह के चलते आईपीओ गतिविधियां फिर से तेज होने लगी हैं।मर्चेंट बैंकर्स का कहना है कि कई कंपनियों को पहले ही सेबी से मंजूरी मिल चुकी है और वे जल्द ही निवेशकों के सामने अपना सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) पेश करने वाली हैं।

इन प्रमुख कंपनियों के IPO की है तैयारी

IPO लाने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों के नाम इस प्रकार हैं:

  • एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) – यह HDFC बैंक की अनुषंगी कंपनी है और खुदरा ऋण में सक्रिय है।
  • नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) – देश की सबसे पुरानी और प्रमुख डिपॉजिटरी संस्था, जो निवेशकों के डीमैट खाते संभालती है।
  • कल्पतरु प्रोजेक्ट्स – बुनियादी ढांचा विकास में सक्रिय कंपनी।

रूबिकॉन रिसर्च, ऑल टाइम प्लास्टिक्स, रीग्रीन-एक्सेल ईपीसी इंडिया, परमेसु बायोटेक – विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियां जो IPO के जरिए पूंजी जुटाना चाहती हैं। इसके अलावा क्रेडिला फाइनेंस, एसके फाइनेंस, वेरिटास फाइनेंस, पारस हेल्थकेयर, सीआईईएल एचआर सर्विसेज, एवांसे फाइनेंशियल, ड्रोफ-केटल केमिकल्स, ब्रिगेड होटल वेंचर्स और श्रीजी शिपिंग भी जल्द ही बाजार में दस्तक दे सकती हैं।

IPO के पीछे की रणनीति

इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य पूंजी जुटाकर अपने कारोबारी विस्तार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाना है। IPO से मिलने वाला पैसा कई मामलों में कर्ज चुकाने, कैपिटल एक्सपेंडिचर (CapEx) बढ़ाने और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ये कंपनियां उन क्षेत्रों से आती हैं जहां निकट भविष्य में मजबूत ग्रोथ की संभावना है — जैसे कि फाइनेंस, फार्मा, हेल्थकेयर, प्लास्टिक्स, और रिन्यूएबल एनर्जी।

2025 में अब तक कैसा रहा IPO ट्रेंड?

साल 2025 की बात करें तो IPO की रफ्तार 2024 की तुलना में थोड़ी धीमी रही है। आंकड़ों के अनुसार, जहां 2024 के पहले पांच महीनों में कुल 29 कंपनियों ने IPO के जरिए बाजार में प्रवेश किया था, वहीं 2025 में अब तक सिर्फ 16 कंपनियां ही ऐसा कर पाई हैं। हालांकि मई महीने में छह IPO पेश हुए थे, जिनमें लक्ज़री होटल श्रृंखला द लीला के मालिक श्लॉस बैंगलोर का नाम प्रमुख है। यह इस बात का संकेत है कि कंपनियों ने फिर से पब्लिक मार्केट से पूंजी जुटाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

निवेशकों के लिए क्या हो सकता है फायदा?

IPO सीजन 2.0 का लाभ सबसे ज्यादा उन निवेशकों को मिल सकता है जो लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर भरोसा करते हैं। मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में शुरुआती निवेश से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि हर आईपीओ में बिना सोचे-समझे पैसा लगाना सही रणनीति नहीं है। निवेश से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति, भविष्य की योजनाएं, जिस सेक्टर में वह काम कर रही है उसकी स्थिति और शेयर का मूल्यांकन (वेलुएशन) ध्यान से जांचना बेहद जरूरी है।

क्या हो सकता है बाजार पर असर?

IPO की बढ़ती संख्या शेयर बाजार में लिक्विडिटी की मांग को बढ़ाएगी। इससे बाजार में वॉल्यूम और भागीदारी में सुधार हो सकता है। साथ ही, कंपनियों के सफल आईपीओ से निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा, जिससे संपूर्ण कैपिटल मार्केट को मजबूती मिलेगी। नए निवेशकों के लिए यह सही समय है कि वे IPO बाजार को गंभीरता से देखें और संभावनाओं को पहचानें। यदि बाजार का रुख अनुकूल बना रहा, तो साल के अंत तक IPO के रिकॉर्ड टूट सकते हैं।

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