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ITR filing 2025: 2.5 लाख से कम इनकम वालों को भी क्यों देना पड़ता है ITR? जानें नियम

ITR filing 2025: 2.5 लाख से कम इनकम वालों को भी क्यों देना पड़ता है ITR? जानें नियम

भले ही आपकी सालाना आमदनी ₹2.5 लाख (पुराना सिस्टम) या ₹3 लाख (नया सिस्टम) से कम हो, कुछ खास परिस्थितियों में ITR भरना अनिवार्य है। जैसे विदेश यात्रा पर ₹2 लाख से ज्यादा खर्च, बैंक खातों में बड़ी जमा राशि, ₹25,000 से अधिक TDS/TCS कटना, ₹1 लाख से ज्यादा बिजली बिल या विदेश में संपत्ति/आय होना।

ITR filing 2025: आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक कम आय वाले लोगों को भी ITR दाखिल करना जरूरी हो सकता है। यदि किसी ने विदेश यात्रा पर ₹2 लाख से ज्यादा खर्च किया हो, सेविंग अकाउंट में ₹50 लाख से अधिक या करेंट अकाउंट में ₹1 करोड़ जमा किया हो, ₹25,000 से अधिक TDS/TCS कटा हो, बिजनेस टर्नओवर ₹60 लाख या प्रोफेशनल रिसीट ₹10 लाख से अधिक हो, या सालाना ₹1 लाख से ज्यादा बिजली बिल दिया हो तो ITR फाइल करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर जुर्माना और वित्तीय लेन-देन में मुश्किलें आ सकती हैं।

आयकर कानून में छूट सीमा क्या है

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अनुसार, पुराने टैक्स सिस्टम में अगर आपकी सालाना आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम है या नए टैक्स सिस्टम में 3 लाख रुपये से कम है, तो ITR दाखिल करना अनिवार्य नहीं है। लेकिन यही कानून यह भी कहता है कि कुछ खास ट्रांजैक्शन ऐसे हैं जिनमें आपकी आय चाहे जितनी भी हो, ITR फाइल करना जरूरी हो जाता है।

विदेश यात्रा पर बड़ा खर्च

अगर आपने बीते वित्त वर्ष में विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये या उससे ज्यादा का खर्च किया है, तो ITR दाखिल करना जरूरी है। चाहे आपकी कुल आमदनी टैक्स छूट सीमा से कम ही क्यों न हो। आयकर विभाग इसे आपके खर्च के आधार पर आकलन करता है।

विदेशी संपत्ति या इनकम

यदि आपके पास विदेश में कोई संपत्ति है या वहां से कोई आय अर्जित हुई है, जैसे विदेशी कंपनियों के शेयर से डिविडेंड या किसी प्रॉपर्टी से किराया, तो ITR भरना अनिवार्य है। यह प्रावधान काले धन पर रोक लगाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रखा गया है।

TDS या TCS ज्यादा कटा हो

अगर आपके ऊपर वित्त वर्ष के दौरान 25,000 रुपये या उससे अधिक का TDS या TCS काटा गया है, तो ITR दाखिल करना जरूरी हो जाता है। सीनियर सिटीजन्स के लिए यह सीमा 50,000 रुपये रखी गई है। यह नियम सुनिश्चित करता है कि टैक्स कटने के बाद रिटर्न दाखिल किए बिना मामला अधूरा न रहे।

करेंट अकाउंट में बड़ी जमा

अगर आपने किसी बैंक के करेंट अकाउंट में एक साल के भीतर 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की राशि जमा की है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य हो जाता है। इस स्थिति में आयकर विभाग मानता है कि इतनी बड़ी रकम का स्रोत स्पष्ट होना चाहिए।

सेविंग अकाउंट में ऊंची जमा

सेविंग अकाउंट में भी अगर आपने एक वित्त वर्ष में कुल 50 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम जमा की है, तो आयकर विभाग की नजर आप पर होगी। ऐसे मामलों में भी ITR भरना जरूरी है, चाहे आपकी आय टैक्स योग्य न हो।

बिजनेस टर्नओवर तय सीमा से ज्यादा

अगर आप व्यापार करते हैं और आपका सालाना टर्नओवर 60 लाख रुपये या उससे अधिक है, तो ITR दाखिल करना अनिवार्य है। यह प्रावधान इस बात से इतर है कि आपका वास्तविक लाभ कितना रहा।

पेशेवर सेवा से आमदनी

डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, कंसल्टेंट या अन्य किसी पेशेवर सेवा से जुड़े लोगों के लिए भी नियम कड़े हैं। अगर आपकी कुल प्रोफेशनल रिसीट 10 लाख रुपये से अधिक है, तो ITR फाइल करना जरूरी हो जाता है।

बिजली बिल पर अधिक खर्च

अगर आपने पूरे साल में बिजली बिल के रूप में कुल 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा भुगतान किया है, तो यह भी आयकर विभाग के लिए संकेत है कि आपकी वित्तीय स्थिति की जांच की जानी चाहिए। ऐसे मामलों में भी ITR भरना अनिवार्य है।

क्यों रखी गई ये शर्तें

इन प्रावधानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उच्च खर्च या बड़े लेन-देन करने वाले लोग टैक्स सिस्टम से बाहर न रहें। आयकर विभाग मानता है कि अगर कोई व्यक्ति बड़ी रकम खर्च करता है या जमा करता है, तो उसकी वित्तीय स्थिति का ब्योरा सरकार के पास होना जरूरी है। यही कारण है कि ऐसे मामलों में ITR फाइल करना अनिवार्य बनाया गया है।

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