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जयशंकर ने अर्मेनिया-अजरबैजान शांति समझौते का किया स्वागत, अर्मेनियाई विदेश मंत्री को दी बधाई

जयशंकर ने अर्मेनिया-अजरबैजान शांति समझौते का किया स्वागत, अर्मेनियाई विदेश मंत्री को दी बधाई

अमेरिका में अर्मेनिया-अजरबैजान के बीच दशकों पुराने विवाद को खत्म करने के लिए शांति समझौता हुआ। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे वार्ता की जीत बताते हुए अर्मेनियाई विदेश मंत्री को बधाई दी।

S Jaishankar: अमेरिका के व्हाइट हाउस में शुक्रवार को आयोजित शांति शिखर सम्मेलन में अर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं ने दशकों पुराने विवाद को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव और संघर्ष को खत्म करना है।

भारत का सकारात्मक रुख

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस समझौते को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया। उन्होंने कहा कि यह वार्ता और कूटनीति की जीत है, जिसका समर्थन भारत हमेशा से करता आया है। जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की और इसे एक “महत्वपूर्ण उपलब्धि” करार दिया।

अर्मेनियाई विदेश मंत्री को बधाई

जयशंकर ने अपने अर्मेनियाई समकक्ष अरारत मिर्जोयान से फोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच हुए शांति समझौते के लिए मिर्जोयान को बधाई दी। जयशंकर ने कहा कि यह समझौता न केवल क्षेत्रीय स्थिरता लाएगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति बहाल करने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।

दशकों पुराना विवाद

अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच यह विवाद मुख्य रूप से नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर रहा है। इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार युद्ध और हिंसक झड़पें हुईं। हजारों लोग विस्थापित हुए और आर्थिक नुकसान भी हुआ। शांति समझौते से उम्मीद है कि अब दोनों देश सहयोग और विकास की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

व्हाइट हाउस में हुए इस समझौते में अमेरिकी नेतृत्व ने मध्यस्थता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रपति और कूटनीतिक टीम ने दोनों पक्षों को वार्ता के लिए तैयार करने में अहम योगदान दिया। यह समझौता अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अमेरिका की सक्रिय भूमिका को भी दर्शाता है।

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