कनाडा ने नए वीजा नियम लागू किए हैं, जिसमें अस्थायी वीजा को कभी भी रद्द करने का अधिकार दिया गया है। भारतीय छात्रों और वीजा आवेदकों पर इसका असर पड़ सकता है। फर्जी आवेदन रोकने के लिए अमेरिकी संस्थाओं से साझेदारी की जाएगी।
Canada Visa Rule: कनाडा अपने वीजा नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिससे भारतीयों पर सीधा असर पड़ सकता है। कनाडा की संसद में पेश किए गए नए विधेयक के अनुसार, कनाडाई अथॉरिटी को अधिकार दिया जाएगा कि वे किसी भी अस्थायी वीजा (Temporary Visa) को कभी भी रद्द कर सकें या उसे जारी न करें। इस कदम को भारत के खिलाफ उठाया गया माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में भारतीयों की ओर से कनाडा वीजा आवेदन काफी बढ़े हैं।
कनाडा के अधिकारियों का कहना है कि वे फर्जी वीजा आवेदन की पहचान और रोकथाम के लिए अमेरिकी संस्थाओं के साथ साझेदारी कर रहे हैं। यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत से कनाडा जाने वाले आवेदनों में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे प्रॉसेसिंग टाइमिंग और प्रशासनिक बोझ बढ़ गया है।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
नए विधेयक के अनुसार, कनाडा इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप डिपार्टमेंट (IRCC) और कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) को अधिकार दिया जाएगा कि वे किसी भी अस्थायी वीजा को रोक सकें या रद्द कर सकें। साथ ही, अमेरिकी अथॉरिटी के साथ मिलकर फर्जी आवेदनों की पहचान की जाएगी।
इस विधेयक के तहत यदि कोई आवेदन फर्जी पाया गया, तो न केवल वह आवेदन रद्द किया जाएगा, बल्कि संबंधित आवेदक को भविष्य में कनाडा वीजा लेने से भी रोका जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम कनाडा में इमिग्रेशन और छात्र आवेदनों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
भारतीय छात्रों और वीजा आवेदकों पर प्रभाव
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, नए नियम सबसे अधिक असर भारतीय छात्रों और वीजा धारकों पर डाल सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत से कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
विशेष रूप से 2024 में भारतीय छात्रों के वीजा आवेदन में तेजी आई। मई 2023 में भारतीय छात्रों द्वारा आवेदन संख्या लगभग 500 थी, जबकि जुलाई 2024 तक यह संख्या बढ़कर 2000 के करीब पहुंच गई। कनाडा प्रशासन ने इस बड़े आवेदन भार को संभालने के लिए नियमों में सख्ती करने की तैयारी शुरू कर दी है।
कनाडा में विदेशी छात्रों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच यह बिल पेश किया गया है। अगर यह बिल पारित हो जाता है, तो भारतीय छात्रों के लिए अस्थायी वीजा की मंजूरी और आवेदन प्रक्रिया और मुश्किल हो जाएगी।
फर्जी वीजा आवेदनों को रोकने की रणनीति
कनाडा सरकार का दावा है कि यह कदम फर्जी वीजा आवेदन और अवैध प्रवास को रोकने के लिए उठाया गया है। इसके लिए अमेरिकी संस्थाओं के साथ साझेदारी की गई है। अधिकारियों ने बताया कि विशेष रूप से भारत और बांग्लादेश से आने वाले फर्जी आवेदन की पहचान के लिए यह साझेदारी बनाई गई है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस विधेयक के तहत “सामूहिक आवेदन रद्द करने” का अधिकार भी दिया जाएगा। यानी यदि किसी समूह के आवेदन में गड़बड़ी पाई जाती है, तो कनाडा अथॉरिटी पूरे समूह के आवेदन को रद्द कर सकती है। इससे कनाडा में सामूहिक निर्वासन मशीन तैयार करने का भी खतरा बताया जा रहा है।
नियमों के खिलाफ बढ़ते विरोध
कनाडा में नए वीजा नियमों को लेकर विरोध भी बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, देश के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए हैं। कथित तौर पर 300 से अधिक नागरिक समाज संगठनों ने इस कानून पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह नियम भारतीयों और अन्य देशों के छात्रों के लिए असुरक्षा की स्थिति पैदा कर सकता है।
सामूहिक आवेदन रद्द होने की संभावना ने छात्रों और प्रवासियों में डर और चिंता बढ़ा दी है। ये संगठन मानते हैं कि नियमों का उद्देश्य वीजा प्रक्रिया को नियंत्रित करना है, लेकिन यह कदम कुछ देशों, खासकर भारत के वीजा आवेदकों को लक्षित कर रहा है।












