हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाला एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) पेट्रोल से सस्ता होता है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में ATF की कीमतें पेट्रोल के मुकाबले कम हैं। इसकी खास रासायनिक संरचना और टैक्स नीति के कारण यह आम पेट्रोल से अलग और किफायती होता है।
हवाई उड़ानों में इस्तेमाल होने वाला ATF पेट्रोल से अलग और अधिक किफायती होता है। दिल्ली में ATF की कीमत करीब 92 रुपए प्रति लीटर है, जबकि पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है। यह विशेष तेल केरोसिन बेस्ड होता है और इसकी रासायनिक बनावट हवाई उड़ानों के लिए अनुकूल होती है। टैक्स संरचना के कारण ATF की कीमत आम पेट्रोल से कम होती है, जिससे एयरलाइंस का खर्च भी कम रहता है।
हवाई जहाज का तेल (ATF) पेट्रोल से क्यों सस्ता है?
हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाला एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) आम पेट्रोल से सस्ता होता है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में ATF की कीमत लगभग 86 से 95 रुपए प्रति लीटर के बीच है, जबकि पेट्रोल की कीमत 95 से 105 रुपए प्रति लीटर के आसपास है। इसका मुख्य कारण है कि ATF पर पेट्रोल की तुलना में कम टैक्स लगाया जाता है ताकि एयरलाइंस का खर्च कम हो और हवाई यात्रा सस्ती बनी रहे।
ATF और पेट्रोल में क्या फर्क है?
ATF एक खास तरह का केरोसिन आधारित फ्यूल होता है, जो जेट इंजन और हेलीकॉप्टर में इस्तेमाल होता है। यह पेट्रोल या डीजल की तरह नहीं होता और इसकी रासायनिक संरचना अलग होती है। ATF को ऐसे रिफाइन किया जाता है कि यह ऊंचाई पर कम तापमान में जमने से बचा रहे और इंजन को निरंतर ऊर्जा प्रदान करे। इसके अलावा, इसमें ऐसे कंपाउंड मिलाए जाते हैं जो उच्च प्रदर्शन और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
कीमत में अंतर के पीछे टैक्स नीति
ATF और पेट्रोल दोनों पर केंद्र और राज्य सरकारें टैक्स लगाती हैं, लेकिन ATF पर लागू टैक्स दरें कम होती हैं। हर राज्य में VAT (वैट) अलग-अलग होती है, जिससे ATF की कीमतों में भी अंतर आता है। जबकि पेट्रोल और डीजल पर भारी टैक्स लगते हैं, ATF पर कम टैक्स इसलिए रखा जाता है ताकि एयरलाइंस का ऑपरेशन लागत कम रहे और हवाई यात्रा सस्ती बनी रहे।
हवाई जहाज के ईंधन की खासियत
ATF को जेट इंजनों की जरूरतों के हिसाब से बनाया जाता है, जो बेहद ठंडे और हाई अल्टीट्यूड में भी सुचारू रूप से काम करता है। यह रंगहीन या हल्का पीला हो सकता है और इसके गुण पेट्रोल से काफी अलग होते हैं। इसके कारण एयरलाइंस को बेहतर माइलेज और सुरक्षित उड़ान मिलती है।