लिवर, हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो न केवल भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों को प्रोसेस करता है बल्कि शरीर से विषैले पदार्थों को भी निकालने का काम करता है। हालांकि, आज के तेजी से बदलते जीवनशैली, गलत खानपान और तनाव के चलते लिवर डैमेज यानी जिगर की खराबी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यदि लिवर डैमेज के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो यह गंभीर बीमारियों जैसे लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर तक का कारण बन सकता है। इसलिए लिवर से जुड़ी समस्याओं को समझना और समय रहते डॉक्टर से जांच कराना बेहद जरूरी हो जाता है।
लिवर डैमेज क्यों होता है?
लिवर डैमेज के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे आम हैं:
- अत्यधिक शराब का सेवन
- ज्यादा तला-भुना और अस्वास्थ्यकर भोजन
- मोटापा और एक्सरसाइज की कमी
- वायरल संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस
- दवाइयों का अत्यधिक और गलत इस्तेमाल
- शरीर में टॉक्सिन्स का जमा होना
जब लिवर खराब हो जाता है, तो यह शरीर में जमा विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में असमर्थ हो जाता है और धीरे-धीरे लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है।
लिवर डैमेज के प्रमुख लक्षण
- पीलिया (Yellowing of Skin and Eyes)
सबसे सामान्य और आसानी से पहचाने जाने वाला लिवर डैमेज का लक्षण है पीलिया। जब लिवर बिलीरुबिन नामक पिगमेंट को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता, तो यह खून में जमा होने लगता है। इसका परिणाम त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से का पीला पड़ जाना होता है। हल्के रंग की त्वचा वाले लोगों में यह आसानी से देखा जा सकता है। - पेट में दर्द और सूजन
लिवर खराब होने पर पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। इसके साथ ही पेट में सूजन आना भी आम है, जो लिवर में जमा फ्लूएड की वजह से होता है। - पैरों और टखनों में सूजन
जब लिवर काम करना बंद कर देता है तो शरीर में फ्लूएड जमा होने लगता है, जिससे पैरों और टखनों में सूजन आने लगती है। इस स्थिति को एडिमा कहा जाता है और यह लिवर की गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। - त्वचा में खुजली
लिवर के ठीक से काम न करने की वजह से खून में टॉक्सिन्स और बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे त्वचा में लगातार खुजली होती रहती है। यह खुजली कई बार बहुत तीव्र भी हो सकती है। - गहरा रंग का पेशाब
लिवर के खराब होने पर पेशाब का रंग गहरा पीला या भूरा हो सकता है, जो बिलीरुबिन के बढ़े स्तर को दर्शाता है। यह संकेत शरीर में लिवर की खराबी को बताता है। - पीला या सफेद रंग का मल
सामान्य रूप से हमारा मल भूरा होता है, क्योंकि लिवर बिलीरुबिन को मल में छोड़ता है। लेकिन जब लिवर खराब हो जाता है, तो मल का रंग पीला या मिट्टी जैसा दिखने लगता है। - लगातार थकान और कमजोरी
लिवर के ठीक से काम न करने से शरीर को ऊर्जा नहीं मिल पाती, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होती है। यह लक्षण आम तो हैं, लेकिन यदि लंबे समय तक बनी रहें तो लिवर की जांच जरूरी है। - मतली और उल्टी
लिवर डैमेज के कारण पाचन क्रिया प्रभावित होती है, जिससे बार-बार मतली या उल्टी होने लगती है। इसे भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। - भूख में कमी और वजन घटना
पाचन संबंधी परेशानी से भूख कम लगती है और वजन तेजी से घटने लगता है, जो लिवर डैमेज का एक अहम संकेत है। - आसानी से चोट लगना और खून बहना
लिवर वह प्रोटीन बनाता है जो खून के थक्के जमने में मदद करता है। लिवर खराब होने पर इस प्रक्रिया में बाधा आती है, जिससे छोटी चोट लगने पर भी खून बहने लगता है।
लिवर डैमेज की जांच और इलाज
यदि आप उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी अनुभव कर रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। लिवर की जांच के लिए ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और कभी-कभी बायोप्सी भी की जाती है। शुरुआती अवस्था में लिवर डैमेज को नियंत्रित और ठीक किया जा सकता है।
इलाज के दौरान डॉक्टर दवाइयों के साथ-साथ लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह देते हैं। शराब से पूरी तरह परहेज करना, संतुलित और पौष्टिक आहार लेना, नियमित एक्सरसाइज करना और तनाव से बचना लिवर की सेहत के लिए जरूरी है।
लिवर की सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय
- संतुलित आहार: फल, सब्जियां, ओट्स, नट्स और हाई-फाइबर फूड्स का सेवन बढ़ाएं। ज्यादा तला-भुना और फैटी खाना कम करें।
- शराब से बचाव: अत्यधिक शराब का सेवन लिवर डैमेज का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए शराब से बचें।
- नियमित व्यायाम: शरीर को सक्रिय रखें ताकि वजन नियंत्रित रहे और लिवर स्वस्थ रहे।
- तनाव प्रबंधन: योग, मेडिटेशन, और पर्याप्त नींद तनाव कम करने में मदद करते हैं।
- संक्रमण से बचाव: हैपेटाइटिस जैसी बीमारियों से बचने के लिए टीकाकरण और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
लिवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जिसकी देखभाल हमारे जीवन की गुणवत्ता और लंबाई के लिए आवश्यक है। लिवर डैमेज के शुरुआती संकेतों को पहचानना और समय पर डॉक्टर से जांच कराना जीवन रक्षक साबित हो सकता है। इसलिए अपने शरीर की भाषा को समझें और लिवर की सेहत का खास ध्यान रखें। याद रखें, स्वस्थ लिवर ही स्वस्थ जीवन की नींव है।