भारतीय म्यूचुअल फंड सेक्टर ने जून 2025 में एक और मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, लगातार 52वें महीने म्यूचुअल फंड स्कीमों में पॉजिटिव नेट इनफ्लो देखने को मिला है। जून महीने में इक्विटी फंड्स में कुल 23,568 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश दर्ज किया गया, जो मई के 18,994 करोड़ रुपये से काफी ज्यादा है।
75 लाख करोड़ के करीब पहुंचा AUM
इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM जून 2025 में बढ़कर 74.5 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह मई के 72.2 लाख करोड़ रुपये से लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी को दिखाता है। एएमएफआई के अनुसार, जून महीने में कुल निवेश का आंकड़ा 49 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रहा, जबकि मई में यह करीब 29 हजार करोड़ रुपये था।
ELSS में गिरावट, अन्य सेगमेंट में बढ़त
जहां अधिकतर इक्विटी सेगमेंट्स में निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई, वहीं टैक्स सेविंग स्कीम यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) से जून महीने में 556 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो देखा गया। यह कैटेगरी एकमात्र ऐसी रही जहां निवेशकों ने पैसे निकाले।
गोल्ड ETF ने खींचा निवेशकों का ध्यान
जून महीने में सोने की बढ़ती कीमतों का असर गोल्ड ETF में दिखाई दिया। इस सेगमेंट में 2081 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो देखने को मिला, जबकि मई में इसमें सिर्फ 292 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, निवेशक अब अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए गोल्ड को एक अहम विकल्प मान रहे हैं।
डेट फंड्स से पैसे निकाले गए
डेट फंड्स की बात करें तो जून में इसमें 1711 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो देखने को मिला। हालांकि यह आंकड़ा मई के 15,908 करोड़ रुपये के मुकाबले काफी कम है। अप्रैल में डेट फंड्स में 2.2 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेश देखा गया था, जो एक रिकॉर्ड स्तर था।
शॉर्ट टर्म फिक्स्ड इनकम में भी रुचि
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, जो निवेशक सुरक्षा के साथ यील्ड की तलाश में हैं, वे शॉर्ट और मीडियम ड्यूरेशन वाले फिक्स्ड इनकम फंड्स की ओर झुक रहे हैं। इससे यह साफ है कि निवेशक संतुलित रिटर्न और सुरक्षा के बीच तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहे हैं।
SIP निवेश ने छुआ नया शिखर
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP के आंकड़े भी जून में तेजी से बढ़े हैं। SIP से जुड़ा निवेश पहली बार 27,300 करोड़ रुपये के पार चला गया है, जो मई की तुलना में 600 करोड़ रुपये ज्यादा है। इसके साथ ही SIP रजिस्ट्रेशन की संख्या ने भी रिकॉर्ड स्तर छुआ है।
निवेशकों का बढ़ा भरोसा
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट के कार्यकारी निदेशक अखिल चतुर्वेदी का कहना है कि म्यूचुअल फंड में बढ़ता इनफ्लो यह दर्शाता है कि रिटेल निवेशकों का भरोसा अभी भी बना हुआ है। नेट इक्विटी फ्लो में महीने-दर-महीने 5,000 करोड़ रुपये की वृद्धि ने बाजार को स्थिरता दी है।
मिड और स्मॉल कैप्स को लेकर सतर्कता, फ्लेक्सी कैप बना प्राथमिकता
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों ने मिड और स्मॉल कैप कैटेगरी की तुलना में फ्लेक्सी कैप फंड्स को प्राथमिकता दी है क्योंकि यह कैटेगरी बाजार के सभी सेगमेंट में निवेश का लचीलापन देती है। इससे निवेशकों को गिरावट के समय खरीदारी करने का मौका मिलता है।
डेटा से झलकता है निवेश का मजबूत ट्रेंड
AMFI के आंकड़ों के अनुसार, पांच महीने तक लगातार गिरते इनफ्लो के बाद जून में पहली बार इक्विटी फंड्स में मजबूती से उछाल देखा गया है। दिसंबर से अप्रैल तक निवेश में गिरावट का सिलसिला अब रुकता नजर आ रहा है।