नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा से पहले रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को समर्थन देने का ऐलान किया है। रूस का कहना है कि ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में पहल की है। वहीं, भारत ने इस दावे को खारिज किया है और कहा कि भारत-पाक तनाव कम करने में ट्रंप का कोई प्रत्यक्ष योगदान नहीं रहा।
Nobel Peace Prize: रूसी सरकार ने शुक्रवार, 10 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार के समर्थन की घोषणा की। क्रेमलिन के शीर्ष सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। इससे पहले भी ट्रंप का नाम अब्राहम समझौते और अन्य अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित हो चुका है। हालांकि, भारत ने इस दावे को स्पष्ट रूप से खारिज किया है।
ट्रंप का नोबेल पुरस्कार का आकर्षण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नोबेल शांति पुरस्कार के प्रति आकर्षण नया नहीं है। अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप को अब्राहम समझौते के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। इस समझौते ने इजरायल और कई अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने में अहम भूमिका निभाई थी। इस बार ट्रंप ने अपनी महत्वाकांक्षा और स्पष्ट रूप से सामने रखी है।
ट्रंप के दावे
डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के कुछ ही महीनों में छह से सात अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को समाप्त करने में योगदान दिया। उनके अनुसार, इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भी शामिल है, जो उनके अनुसार परमाणु युद्ध का रूप ले सकता था। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने इजराइल-ईरान, कांगो और रवांडा, कंबोडिया-थाईलैंड, आर्मेनिया और अज़रबैजान, नील नदी पर बांध विवाद – मिस्र और इथियोपिया, सर्बिया-कोसोवो संघर्ष और गाजा में इजराइल-हमास युद्धविराम जैसे अंतरराष्ट्रीय मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रूस का आधिकारिक बयान
रूसी सरकारी एजेंसी TASS के मुताबिक, क्रेमलिन के वरिष्ठ सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि मॉस्को ट्रंप की उम्मीदवारी के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि ट्रंप द्वारा की गई पहल सराहनीय है और इसे अंतरराष्ट्रीय शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। रूस के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया मोड़ देने वाला माना जा रहा है।
भारत ने ट्रंप के नोबेल नामांकन पर किया विरोध
जहां पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है, वहीं भारत ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने में ट्रंप का कोई प्रत्यक्ष योगदान नहीं रहा। भारत का यह रुख यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय विवादों में बाहरी हस्तक्षेप का प्रभाव सीमित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बहस
ट्रंप की नोबेल पुरस्कार की उम्मीदवारी और रूस का समर्थन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस का विषय बन गया है। कई विशेषज्ञों ने इस मामले में अपनी राय दी है। कुछ का मानना है कि ट्रंप ने वैश्विक कूटनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जबकि कई लोग इसे विवादास्पद और प्रचारित दावा मानते हैं। यह मामला वैश्विक शांति और कूटनीति पर नए दृष्टिकोणों को सामने ला रहा है।
ट्रंप की वैश्विक भूमिका
ट्रंप का दावा है कि उन्होंने विभिन्न देशों के बीच संघर्ष को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी कहा कि उनके प्रयासों ने वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित करने में मदद की। हालांकि, इस दावे की पुष्टि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग राय है।