सांसद पप्पू यादव ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर संसद में हुई चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम को सच बोलने और गलती स्वीकारने की हिम्मत दिखानी चाहिए।
Pappu Yadav Opinion: 29 जुलाई 2025 को संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर विशेष चर्चा हुई, जिसमें विभिन्न दलों के नेताओं ने अपने विचार रखे। इस चर्चा के दौरान पूर्णिया से लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सच बोलने की हिम्मत दिखानी चाहिए और अगर कोई गलती हुई हो तो उसे स्वीकार करने का साहस भी होना चाहिए।
'प्रधानमंत्री कभी बोलते ही नहीं हैं'
पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पुलवामा से लेकर उरी तक कई हमले हुए, लेकिन प्रधानमंत्री ने कभी इन मुद्दों पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पारदर्शिता से काम नहीं कर रही और युद्ध जैसे हालात में भी जनता को असली स्थिति से अवगत नहीं कराया जाता। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ऐसा क्या कारण था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद युद्धविराम घोषित किया गया?
'गलती को स्वीकारना नेतृत्व की ताकत होती है'
पप्पू यादव का कहना था कि एक सशक्त नेता वह होता है जो अगर कोई रणनीतिक भूल हो जाए, तो उसे स्वीकार करे। उन्होंने कहा, "क्षमाशीलता तभी मूल्यवान होती है जब उसमें गलती स्वीकार करने की ताकत हो। केवल प्रचार करने और चुप्पी साधे रहने से नेतृत्व मजबूत नहीं होता।"
'रूस ने समर्थन नहीं किया, हम दुनिया में अलग-थलग पड़े'
अपने बयान में पप्पू यादव ने भारत की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है जब रूस जैसे पुराने सहयोगी देश ने भारत का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि इजराइल को छोड़कर किसी अन्य देश ने भारत की सैन्य कार्रवाई का समर्थन नहीं किया। पप्पू यादव ने इसे भारत की कूटनीतिक विफलता बताया और कहा कि सरकार को इस पर गंभीर आत्ममंथन करना चाहिए।
'इंटेलिजेंस फेल्योर पर कोई बात नहीं होती'
सांसद ने सवाल उठाया कि हमले से पहले सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी क्यों नहीं थी? उन्होंने कहा कि जब पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्र में हमला होता है, तो यह सीधा इंटेलिजेंस फेल्योर का मामला है। लेकिन इस पर संसद या सरकार में कोई चर्चा नहीं होती। उन्होंने पूछा कि आखिर किनके निर्देश पर पहलगाम जैसी जगह को आम यात्रियों के लिए खोला गया?
'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था, जिसमें पीओके में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था और हालात युद्ध जैसे बन गए थे। इसके कुछ दिनों बाद 'ऑपरेशन महादेव' में भारतीय सुरक्षा बलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों को श्रीनगर में ढेर कर दिया।
इन कार्रवाइयों के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जानकारी दी कि पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय DGMO से संपर्क किया, जिसके बाद संघर्षविराम की घोषणा की गई। लेकिन विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहा है कि युद्धविराम की शर्तें क्या थीं और सरकार ने यह निर्णय किस आधार पर लिया।