बिलावल भुट्टो ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान की जमीन से जिहाद की शुरुआत हुई थी। उन्होंने जनरल जिया-उल-हक को जिहादीफिकेशन का जिम्मेदार बताया और कहा कि अफगानिस्तान युद्ध के लिए पाक समाज को कट्टरपंथी बनाया गया।
Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर देश के अतीत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने खुलकर स्वीकार किया है कि पाकिस्तान की धरती से जिहाद की शुरुआत हुई थी और यह सब कुछ एक सुनियोजित रणनीति के तहत किया गया था। उन्होंने साफ कहा कि वे अतीत से भागना नहीं चाहते, बल्कि उसका सामना करना चाहते हैं।
अफगानिस्तान जिहाद से जुड़े थे आतंकी संगठन
बिलावल भुट्टो ने वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अल कायदा सहित तमाम बड़े आतंकी संगठन अफगानिस्तान जिहाद से जुड़े थे। जब अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ जंग खत्म हुई, तो इन्हीं संगठनों ने आगे चलकर 9/11 जैसे आतंकी हमलों को अंजाम दिया। कुछ समूहों ने कश्मीर की ओर रुख किया और वहां जिहाद छेड़ने का प्रयास किया।
पाकिस्तानी तानाशाह जिया-उल-हक को ठहराया जिम्मेदार
बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल जिया-उल-हक पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में 'जिहादीफिकेशन' की प्रक्रिया जिया-उल-हक के कार्यकाल में शुरू हुई थी। यह सब अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहमति से किया गया ताकि अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सके।
'पाकिस्तानी समाज को किया गया था कट्टरपंथी'
भुट्टो ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान में मौजूद कई समूहों और व्यक्तियों को अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ अफगानिस्तान में जिहाद के लिए तैयार किया गया। यह सब एक रणनीतिक उद्देश्य से किया गया था। उन्होंने कहा कि यह इतिहास का हिस्सा है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
कश्मीर में भेजे गए आतंकी संगठन
बिलावल ने कहा कि अफगानिस्तान से जंग खत्म होने के बाद कुछ आतंकवादी संगठनों ने कश्मीर का रुख किया। पाकिस्तान में उस समय कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने इन समूहों का विरोध नहीं किया। यही कारण था कि आतंकवाद ने क्षेत्र में अपनी जड़ें जमाईं।
हाफिज सईद और मसूद अजहर पर भी बोले बिलावल
उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अदालत ने अप्रैल 2022 में हाफिज सईद को आतंकवाद की फाइनेंसिंग के आरोप में 31 साल की सजा दी थी। वहीं जैश-ए-मुहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को लेकर भी बिलावल ने कहा कि अगर भारत इस प्रक्रिया में सहयोग करे तो पाकिस्तान ऐसे लोगों को सौंपने के लिए तैयार है।
'भारत को देना चाहिए भरोसा'
पिछले सप्ताह अल जजीरा टीवी को दिए एक इंटरव्यू में भी बिलावल ने भारत के साथ विश्वास बहाली की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तान पर भरोसा करना चाहिए और अगर दोनों देश सहयोग करें तो ऐसे आतंकी सरगनाओं को भारत को सौंपने में कोई दिक्कत नहीं है।
मुंबई हमलों पर भारत को ठहराया जिम्मेदार
मुंबई आतंकी हमलों पर बात करते हुए बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान ने हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की है। लेकिन भारत ने इस केस में जांच के लिए जरूरी गवाह और सबूत पेश करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि अगर भारत जिम्मेदारी से इस प्रक्रिया में शामिल होता तो आगे की कार्रवाई आसान होती।
पहलगाम हमले को बताया आतंकी हमला
बिलावल भुट्टो ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले को 'आतंकी हमला' करार दिया। उन्होंने कहा कि वे खुद आतंकवाद के शिकार रहे हैं और वे उस दर्द को समझते हैं जिससे पीड़ितों के परिवार गुजरते हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनकी मां बेनजीर भुट्टो की हत्या भी आतंकियों ने की थी।
'आज के आतंकी, कल के हीरो' पर दी सफाई
जब करण थापर ने उनके पिता आसिफ अली जरदारी के बयान का जिक्र किया कि 'आज के आतंकी, कल के हीरो' थे, तो इस पर बिलावल ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अतीत को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन हमें अतीत में उलझकर वर्तमान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हमने झेला है आतंकवाद का दर्द
बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद की कीमत चुकाई है। उन्होंने दावा किया कि अब तक पाकिस्तान ने आतंकवाद में 92,000 लोगों को खोया है। वे खुद भी निजी तौर पर इसका सामना कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान को कट्टरपंथ से बाहर निकलना चाहिए और शांति की ओर बढ़ना चाहिए।