पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के खिलाफ कार्रवाई तेज़ हो गई। पंजाब प्रांत से इस महीने करीब 22,000 नागरिकों को देश से बाहर भेजा गया। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कदम की आलोचना की।
Pakistan News: पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के खिलाफ सरकार ने सख्ती की कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की पंजाब प्रांत सरकार ने अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को अपने देश भेजने का अभियान तेज कर दिया है। इस महीने में करीब 22,000 अफगान नागरिकों को प्रांत से निर्वासित किया गया। इस कदम के तहत सभी अवैध निवासियों को पाकिस्तान से बाहर निकालने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है।
अंतिम अफगान शरणार्थी शिविर बंद
पंजाब प्रांत में स्थित अंतिम अफगान शरणार्थी शिविर को भी बंद कर दिया गया है। मियांवाली जिले में कोट चांदना में स्थित इस शिविर को अब गैर-अधिसूचित घोषित कर दिया गया है। इससे पहले प्रांत में 6,000 लोगों के पास निवास प्रमाण पत्र, 11,000 के पास अफगान नागरिक कार्ड थे और 5,041 लोग अवैध रूप से रह रहे थे। वर्तमान में लगभग 423 लोगों को निर्धारित हिरासत केंद्रों में रखा गया है। इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा में चार और बलूचिस्तान में 10 अफगान शरणार्थी शिविर अब भी संचालित हैं।
पंजाब पुलिस की जानकारी
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को देश से बाहर भेजने का अभियान तीसरे चरण में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस महीने लगभग 22,000 अफगान नागरिकों को प्रांत से निर्वासित किया है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इस अभियान की शुरुआत से पहले अप्रैल से सितंबर तक पाकिस्तान की अवैध विदेशी प्रत्यावर्तन योजना (IFRP) के तहत लगभग 43,000 अफगान नागरिकों को वापस भेजा जा चुका था। इस प्रक्रिया में सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट
पंजाब प्रांत की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। सभी निर्वासित अफगान नागरिकों को सुरक्षित तरीके से हिरासत केंद्रों में लाया जा रहा है और उनके देश भेजने की प्रक्रिया पूरी तरह व्यवस्थित ढंग से की जा रही है। प्रवक्ता ने कहा कि अभियान के दौरान किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की टीम लगातार निगरानी कर रही है।
अफगान शरणार्थियों का इतिहास
अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में गृहयुद्ध के दौरान पहुंचे थे। जब अफगानिस्तान गृहयुद्ध की चपेट में था, लाखों लोग पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में आश्रय लेने के लिए गए। अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान में पहले लगभग 20 लाख अफगान शरणार्थी थे। पिछले दो सालों में लगभग 10 से 12 लाख अफगान नागरिकों को देश से बाहर निकाला जा चुका है।
पाकिस्तान की कार्रवाई को लेकर आलोचना
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और अफगान प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान की कार्रवाई की आलोचना की है। उनका कहना है कि लाखों अफगान नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार उनके अधिकारों का हनन है। कई विशेषज्ञ इसे अफगान नागरिकों के सम्मान और सुरक्षा के खिलाफ कदम मानते हैं। उन्हें डर है कि बिना उचित व्यवस्था के निर्वासित किए गए अफगान नागरिक असुरक्षित हो सकते हैं और उनके जीवन पर खतरा बढ़ सकता है।
पाकिस्तान का तर्क
पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को नियंत्रित करना आवश्यक है। सरकार के अनुसार, जो लोग कानूनी प्रक्रिया से गुजरकर अपने निवास का दर्जा नहीं प्राप्त कर पाए हैं, उन्हें लौटाना अनिवार्य है। पंजाब प्रांत के प्रवक्ता ने कहा कि यह कार्रवाई शरणार्थियों के हित में है और अवैध रूप से रह रहे लोगों की संख्या कम करने के लिए अभियान जारी रहेगा।